Thursday , April 25 2024
Breaking News

मां के प्रताप से यहां अंग्रेजों को भी होना पड़ा था नतमस्तक

Share this

देवरिया। उत्तर प्रदेश में देवरिया जिला मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर दूर अहिल्वार गांव में स्थित अहिलवार देवी के प्रताप के कारण अंग्रेजों को भी अपना फैसला बदलते हुये मां के प्रताप के आगे नतमस्तक होना पड़ा था। जानकार बताते हैं कि करीब 110 साल पहले जब अंग्रेजों द्बारा बनारस और बिहार रूट पर मीटर गेज रेलवे लाइन का निर्माण चल रहा था उस समय अंग्रेज अधिकारियों ने फैसला लिया कि रेलवे लाइन इस मंदिर से होकर गुजरेगी। ग्रामीणों के विरोध के बावजूद मां दुर्गा के पिडी के ठीक ऊपर से रेलवे पटरी बनाने का काम शुरू हो गया।

बताते हैं कि अंग्रेज अफसरों के होश उस वक्त उड़ गए जब शाम को बिछाई गई पटरियां सुबह अपने-आप क्षतिग्रस्त मिलीं। पहले तो अंग्रेजों ने इसे किसी ग्रामीण की शरारत माना और आमजन लोगों को परेशान करने लगे लेकिन दुबारा से बिछाई गई पटरियां भी अगले दिन टूटी हुई अवस्था में मिलीं।

महीनों के प्रयास के बाद अंग्रेज अफसरों ने ग्रामीणों की बात मान ली और रेल की पटरी को 100 मीटर दक्षिण से गुजारने का निर्णय लिया। यही नहीं तत्कालीन अंग्रेज अफसरों ने रेलवे ट्रैक के निर्माण की सफलता के लिए मां के मंदिर का जीर्णोद्धार भी कराया। तब जाकर रेल की पटरियां बिछाने का कार्य पूरा हुआ ।

इस सिद्धपीठ मंदिर में वैसे तो वर्ष भर यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है लेकिन चैत्र एवं शारदीय नवरात्रि के दौरान लाखों की संख्या में भक्तजन यहां अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त यहां सच्चे मन से माता के दर्शन के लिये आते हैं। उनकी मनोकामना माता अवश्य पूरी करती हैं।

Share this
Translate »