नई दिल्ली। जिस GST को लेकर इतना विवाद और बखेड़ा खड़ा किया जा रहा था उसके मात्र 10 माह में ही नतीजे बेहद ही चौंकाने वाले और देश के आर्थिक दृष्टिकोण से लाभदायक साबित हो रहे हैं क्योंकि देश में पहली बार गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) ने नया रिकॉर्ड बनाया है। अप्रैल 2018 में जी.एस.टी. कलैक्शन एक लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, जीएसटी रेवेन्यू में उछाल अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी और बेहतर स्थिति को दर्शाता है।
गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार, अप्रैल में कुल जी.एस.टी. कलैक्शन 1,03,458 करोड़ रुपए रहा। बता दें, देशभर में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स 1 जुलाई 2017 से लागू हो गया है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि अप्रैल महीने में समायोजन के बाद केंद्र और राज्य सरकारों से प्राप्त कुल राजस्व में 32,493 करोड़ रुपए सीजीएसटी और 40,257 करोड़ रुपए एसजीएसटी के तहत जमा हुए हैं।
हालांकि सरकार ने कहा कि अप्रैल में कंपोजिशन डीलर्स को तिमाही रिटर्न भी दाखिल करना था। 19.31 लाख कंपोजिशन डीलर्स में से 11.47 लाख डीलर्स ने तिमाही रिटर्न (जीएसटीआर 4) दाखिल किया, जोकि 59.40 फीसदी है और 579 करोड़ रुपए टैक्स दिया। यह कुल प्राप्त 1.03 लाख करोड़ जीएसटी में शामिल है।
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