बेंगलुरु! देश की ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट व दुनिया की सबसे बड़ी खुदरा कंपनी वॉलमार्ट के बीच डील हो गई है. इसकी पुष्टि सॉफ्टबैंक के सीईओ मासायोशी सन ने की है.
इससे पहले संभावना जताई जा रही थी कि जल्द ही वालमार्ट और फ्लिपकार्ट के बीच अधिग्रहण का सौदा हो सकता है. यह सौदा करीब 15 अरब डॉलर का है. वालमार्ट भारतीय कंपनी में तकरीबन 70 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की बात कर रही है. वर्तमान में 30 अरब डॉलर के ई-कॉमर्स बाजार पर फ्लिपकार्ट और अमेजन का नियंत्रण है.
इस डील के बारे में कहा जा रहा था कि जापान की सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प और टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट फ्लिपकार्ट में अपनी 20-20 प्रतिशत की हिस्सेदारी बेचेगी. भारतीय कंपनी का मूल्य करीब 20 अरब डॉलर आंका जा सकता है. शोधकर्ता कंपनी सीबी इनसाइट्स ने पिछले साल फ्लिपकार्ट का मूल्य करीब 12 अरब डॉलर बताया था. इस सौदे से वॉलमार्ट को भारत में खुदरा ऑनलाइन बाजार में अपने कदम रखने में मदद मिलेगी और वह यहां अमेजन के मुकाबला करना चाहेगी. हालांकि, सॉफ्टबैंक के प्रवक्ता ने कहा कि वह चर्चाओं और कयासों पर कोई टिप्पणी नहीं करेगी.
सूत्रों ने कहा कि अमेजन ने भी फ्लिपकार्ट में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की थी, लेकिन कंपनी का निदेशक मंडल वालमार्ट की पेशकश के पक्ष में है. वहीं, इस बीच फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक सचिन बंसल के कंपनी से बाहर होने की खबरें आ रही है. रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि बंसल अपनी 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर कंपनी छोड़ सकते हैं. हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है. सचिन बंसल ने 11 साल बिन्नी बंसल के साथ मिलकर फ्लिपकार्ट की स्थापना की थी.
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