Friday , April 26 2024
Breaking News

ट्रेनों की लेटलतीफी पर रेल मंत्री ने दी सभी जोनल प्रमुखों को चेतावनी

Share this

नई दिल्ली। भारतीय रेल की लेट लतीफी से यात्री हमेशा ही परेशान रहते हैं वहीं अब रेल मंत्रालय ने इस समस्या के निदान का अजब तरीका ढूंढा है जिसके तहत ट्रेनों को सही समय पर चलाने के लिए रेलवे की तरफ से अब सख्‍त कदम उठाए जाने की तैयारी है। ट्रेनों के लेट होने पर रेल अधिकारियों पर भारी पड़ने वाली है। रेलगाड़ियों के समय पर नहीं चलने से जुड़े आला अधिकारियों की पदोन्नति प्रभावित हो सकती है।

गौरतलब है कि रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे के सभी जोनल प्रमुखों को चेतावनी दी है कि रेल सेवाओं में देरी का असर उनके प्रदर्शन मूल्यांकन में आंशिक देरी के रूप में हो सकता है। रेल मंत्री ने ट्रेनों के तय समय पर चलाने के लिए एक महीने का समय दिया है। ऐसे में उम्‍मीद है कि ट्रेनें अब राइट टाइम चलेंगी।

रेल मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि पिछले हफ्ते एक इंटरनल मीटिंग के दौरान गोयल ने ट्रेन लेट के मसले पर जोनल जनरल मैनेजर्स की जमकर खिंचाई की। उन्‍होंने कहा कि वे ट्रेन सर्विस में देरी के लिए मेन्‍टेनेंस का काम का बहाना बनाकर बच नहीं सकते हैं। वित्‍त वर्ष 2017-18 में रेलवे नेटवर्क में 30 फीसदी ट्रेनें लेट चल रही थी। इस गर्मी छुट्टियों के समय में भी अधिकांश समय रफ्तार पकड़ने में फेल रही।

सूत्रों के अनुसार उत्तरी रेलवे के महाप्रबंधक को गोयल की नाराजगी सबसे अधिक झेलनी पड़ी। इस जोन में गाड़ियों के समय पर चलने यानी सेवा अनुशासन का आंकड़ा 29 मई तक बहुत ही खराब 49.59 प्रतिशत है जो पिछले साल की तुलना में 32.74 प्रतिशत अधिक खराब है। रेलवे सूत्र के अनुसार, रेल मंत्री ने ट्रेनों के लेट-लतीफी की कई वजहों पर गौर किया। वे जानते हैं कि बड़े पैमाने पर ट्रैक्‍स के रिन्‍युअल की कीमत चुकानी पड़ रही है।

हालांकि, ट्रेनों की लेट-लतीफी का आंकड़ा जितनी उम्‍मीद की गई थी, उससे भी खराब है। साफ तौर पर जोन अपनी अक्षमता को छिपाने के लिए मेन्‍टेनेंस कामकाज को जिम्‍मेदार बता रहे हैं। सूत्र ने बताया कि मीटिंग के दौरान रेल मंत्री ने सभी जोनल प्रमुखों से व्‍यक्तिगत तौर पर मीटिंग की और उनकें से ट्रेनों के चलते के खराब रिकॉर्ड की वजह पूछी।

Share this
Translate »