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UP: राष्ट्रपति से बहादुरी का जो मेडल पाई, वो ही अब मुकदमे की चपेट में आई

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आगरा। राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से नवाजी गई नाजिया खान को आखिरकार  जमीन विवाद में पड़ना काफी भारी पड़ ही गया। दरअसल अब कोर्ट के आदेश पर उसके खिलाफ रंगदारी मांगने, बलवा, मारपीट, तोड़फोड़, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना, गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी देने की धारा के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।

गौरतलब है कि विगत 20 अप्रैल को ताजमहल के पूर्वी गेट के पास विवादित भूखंड पर विवाद हुआ था। अधिवक्ता कृपाल सिंह एडीएम सिटी की अनुमति पर उक्त भूखण्ड पर बने रेस्टोरेंट में मरम्मत कार्य करा रहे थे। जिस जमीन को  मुन्ना शादी अपनी बताते हैं। उन पर जमीन पर कब्जे के प्रयास का आरोप लगा था। वहीं इस बीच मंटोला निवासी नाजिया खान अपनी मां के साथ मुन्ना के पक्ष में वहां पहुंची थीं।

वहीं इस दौरान अचानक वहां मारपीट हुई और वीडियो भी वायरल हो गया था।जिसमें काफी हद तक नाजिया को ही चोटें आईं थीं और इसी वजह के चलते नाजिया की तहरीर पर पुलिस ने लूट और मारपीट की धारा के तहत ताजगंज थाने मुकदमा लिखा था। नाजिया के कहने पर एसएसपी ने मुकदमे की विवेचना मंटोला थाने ट्रांसफर भी की थी।

जबकि इसी के साथ अधिवक्ता कृपाल सिंह ने भी तहरीर दी थी। पुलिस ने मुकदमा लिखने से साफ इनकार कर दिया था। कहा था कि वीडियो में मारपीट नाजिया के साथ हुई है। वह बहुत बड़े सम्मान से नवाजी गई है। मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने भी उसे पुरस्कार दिया था।

जिस पर कृपाल सिंह ने कोर्ट का सहारा लेते हुए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सतीश कुमार त्रिपाठी की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था। कृपाल सिंह का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने मुकदमे के आदेश दिए। कृपाल सिंह की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश कुमार वर्मा, नितिन वर्मा ने कोर्ट में दलीलें पेश कीं।

हालांकि इस बाबत अधिवक्ता कृपाल सिंह का कहना है कि न्याय के लिए कोर्ट की शरण में गया था। पुलिस ने उसकी सुनी होती तो यह नौबत ही नहीं आती। वीडियो का भी एक ही पक्ष देखा गया। दूसरा पक्ष उसके रेस्टोरेंट पर आया था।

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