नई दिल्ली। भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के महागठबंधन की कवायद को तो वैसे ही पहले से झटकों का लगना जारी है वहीं अब तेलंगाना राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव द्वारा बीजेपी और कांग्रेस की गैरमौजूदगी वाले क्षेत्रीय दलों का गठजोड़ बनाने की कवायद को आगे बढ़ाने से भाजपा की अपेक्षा कांग्रेस को अधिक झटका लगना स्वाभाविक है। राव अपनी इसी कवायद के चलते आज दिल्ली भी पहुंच गए हैं।
गौरतलब है कि राव की जल्द ही सपा, बसपा सहित समान विचारधारा वाले अन्य दलों के नेताओं से मिलने की योजना है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तीसरे मोर्चे के गठन को लेकर राव ने सोमवार को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा रविवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री एवं बीजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक से मुलाकात की थी।
सूत्रों के मुताबिक सोमवार रात दिल्ली पहुंचे राव के तीन दिन के दिल्ली प्रवास के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती के साथ मुलाकात की संभावना से इंकार नहीं किया। हालांकि मंगलवार को उनकी अखिलेश और मायावती से मुलाकात की अटकलों के बीच सपा और बसपा की ओर से फिलहाल राव द्वारा मुलाकात के लिये समय नहीं मांगे जाने की जानकारी दी गयी। वही बताया जाता है कि बसपा अध्यक्ष मायावती दिल्ली में ही हैं, लेकिन राव के साथ उनकी मुलाकात का समय अभी तय नहीं है।
जब कि बताया जाता है कि अखिलेश लखनऊ में हैं और उनके दिल्ली जाने का फिलहाल कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है। ज्ञात हो कि राव ने बनर्जी से मुलाकात के बाद कहा था कि वह गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेस गठबंधन के लिए विभिन्न दलों के साथ बातचीत का सिलसिला जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए वे बहुत जल्द ही एक ठोस योजना के साथ आएंगे।
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