नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने अाज सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर एक से अधिक सीट से चुनाव लड़ने पर रोक का समर्थन किया है। अायोग ने अपने हलफनामे में कहा कि दो जगह से चुनाव लड़ना फिर एक सीट छोड़ देना मतदाताओं के साथ अन्याय है। इससे आर्थिक बोझ पड़ता है। इतना ही नहीं अायोग ने सुझाव दिया कि सीट छोड़ने वाले से दोबारा चुनाव का खर्च वसूला जाना चाहिए।
इसके साथ ही आयोग ने कहा इसके लिए कानून में बदलाव होना चाहिए। भाजपा नेता और वकील अश्वनी उपाध्याय ने जनहित याचिका दाखिल कर एक से अधिक सीट पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की है। केन्द्र के जवाब न दाखिल करने पर आज मामले की सुनवाई जुलाई तक के लिए टल गई।
गौरतलब है कि दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता एवं वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका में जनप्रतिनिधि कानून की धारा 33(7) को अवैध घोषित करने की मांग की गई, जिसके तहत किसी व्यक्ति को दो सीटों से आम चुनाव अथवा कई उपचुनाव अथवा द्विवार्षिक चुनाव लड़ने की अनुमति है।
वहीं याचिका में कहा गया कि जब एक उम्मीदवार दो सीटों से चुनाव लड़ता है और अगर वह दोनों ही सीटों पर विजयी होता है तो यह अनिवार्य है कि उसे दो में से एक सीट छोड़नी पड़ती है। इससे न सिर्फ सरकारी खजाने पर बल्कि खाली हुई सीट पर चुनाव कराने से सरकारी तंत्र और अन्य संसाधनों पर आर्थिक बोझ पड़ता है।
इसके अलावा यह उस विधानसभा के मतदाताओं के साथ नाइंसाफी भी है, जहां से उम्मीदवार हट रहा है। याचिका में यह भी कहा गया है कि जुलाई 2004 में मुख्य चुनाव आयुक्त ने भी तत्कालीन प्रधानमंत्री से जनप्रतिनिधि कानून की धारा 33(7) में संशोधन की मांग की थी ताकि एक व्यक्ति एक ही पद के लिए एक से ज्यादा सीट पर चुनाव नहीं लड़ सके।
Disha News India Hindi News Portal