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अटल कलश यात्राः हर दिल अजीज अपने “अटल जी” को श्रद्धांजली देने के लिए उमड़ा उनकी कर्मभूमी में जनसैलाब

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लखनऊ। सर्वप्रिय और देश के महान नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश आज उनकी कर्मभूमी लखनऊ पहुंचा। हर दिल अजीज और यहां की हर गली कूचे से बखूबी वाकिफ रहे अटल जी की अस्थियों के दर्शन को और साथ ही उनको श्रद्धांजली देने के लिए शहर भर में हुजूम उमड़ पड़ा। अमौसी से जैसे ही भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा शुरू हुई वैसे ही ‘अटल बिहारी अमर रहे और ‘वंदे मातरम के गगनभेदी नारों से पूरा माहौल गूंज उठा।

गौरतलब है कि अटल जी की अस्थि कलश यात्रा में हर उम्र के लोग विशाल जनमानस में मिले-जुले नजर आ रहे थे। महिलाएं, बुजुर्ग, युवा ही नहीं मंत्री, विधायक और तमाम वरिष्ठ नेता यात्रा में पैदल चल पड़े। अपार हृदय और महान व्यक्तित्व को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिये सुबह से ही मार्गों के दोनों तरफ जुटने लगे थे। इस बीच हुई तेज वर्षा भी लोगों के समर्पण को कम नहीं कर पाई। चौराहों और सड़कों पर व्यापारियों और क्षेत्रीय नागरिकों की ओर से श्रद्धांजलि के लिये पंडाल लगवाए थे। गुलाब की पंखुड़ियों को अस्थियों पर न्योछावर करने के लिये रखा गया था।

वहीं इससे पहले लखनऊ से कई बार सांसद रह चुके दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां भारी बारिश के बीच विशेष विमान से लखनऊ पहुंच गईं। अमौसी एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने अस्थि कलश ग्रहण किया। उनके साथ अटल जी की पुत्री नमिता समेत अन्य परिजन भी मौजूद रहे। अमौसी एयरपोर्ट पर ही राज्यपाल रामनाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अटल जी को श्रद्धांजलि दी।

इसके साथ ही इसके बाद यहां से रथ में अस्थि कलश को विराजित कर यात्रा निकाली गई है। अस्थि कलश यात्रा भाजपा कार्यालय से झूलेलाल वाटिका तक 3.5 किलोमीटर गई। इस यात्रा में कैबिनेट के कई मंत्री पैदल चले। गोमती नदी के तट पर स्थित झूलेलाल पार्क में सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा हुई जिसके बाद सभी दलों के नेता और पदाधिकारियों ने अटल जी को श्रद्धासुमन अर्पित किये। इसके बाद अस्थियां गोमती नदी में विसर्जित करी गईं।

वहीं तय कार्यक्रम के तहत सुबह एक बजे अमौसी पर उतरे विमान से जब अस्थियां राजधानी पहुंची तब उनको लेने के लिये भी वहां अपार समूह इकट्ठा था। वहां से शुरू हुई अस्थि यात्रा आलमबाग, मवैया, चारबाग, लालकुंआ, हुसैनगंज, बर्लिंग्टन होते हुए शाम चार बजे विधानसभा पहुंची। यहां पहले से ही बड़ी संख्या में विधायक, मंत्री और प्रदेश भर से आये कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इकट्ठा थे। अस्थि कलश यात्रा के भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचते ही मानो माहौल ‘अटलमय’ हो गया। ‘जब तक सूरज-चांद रहेगा अटल तेरा नाम रहेगा’ जैसे नारों के बीच लोग उनके अस्थि कलश पर फूलों को अर्पित करने लगे।

इसके साथ ही अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की यादों को अपने दिलों में समेटे उनके सहयोगी मंत्री और विधायक आज उनके अस्थि कलश पर श्रद्धासुमन करने के लिये इंतजार कर रहे थे। जैसे ही भाजपा प्रदेश कार्यालय पर अस्थि यात्रा पहुंची वे बिना किसी भेदभाव के अपनी सुरक्षा को ताक पर रखकर भीड़ में पैदल ही निकल पड़े। कैबिनेट मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी हो या ब्रजेश पाठक, मंत्री मोहसिन रजा, सांसद साक्षी महाराज, विधायक पंकज सिंह, जगदम्बिका पाल, उपेन्द्र तिवारी जैसे बड़े-बड़े नेता अस्थि कलश के पीछे-पीछे इस यात्रा में शामिल हुए।

इसके अलावा वहीं जब नगर निगम के बाहर जैसे ही पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थि यात्रा पहुंची यहां नगर निगम के आरआर विभाग की दो क्रेन और छतों पर खड़े होकर कर्मचारी नेताओं के नेतृत्व में कर्मचारियों और लोगों ने फूलों की भारी वर्षा कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। यहां लखनऊ में विकास की रूपरेखा रखने वाले पूज्य अटल जी को श्रद्धांजलि देने के लिये सरकारी कर्मचारियों का समर्पण देखते ही बना।

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