लखनऊ। प्रदेश में सरकार द्वारा जारी तमाम कवायदों और प्रशासनिक कोशिशों के बावजूद कांवड़ यात्रा के दौरान विवाद और बवाल का सिलसिला रूक नही पा रहा है क्योंकि अब जब श्रावण मासस समापन की ओर है बावजूद इसके जपनद बरेली में कांवड़ यात्रा के दौरान दो समुदयों के बीच विवाद इस हद तक बढ़ गया कि हालात पर काबू करने के लिए पूरे इलाके में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात करना पड़ा। वहीं तमाम आला-अफसरानों ने मौके पर मौजूद लोगों को किसी तरह समझा बुझाकर शांत कराया।
गौरतलब है कि गत 19 अगस्त को यानी की सावन के आखिरी सोमवार से एक दिन पहले बिथरी चैनपुर के खजुरिया ब्रम्हनान गांव में करीब 50 कांवड़ियों का जत्था बदायूं के कछला घाट जल लेने जा रहा था। यहां रास्ते में उमरियां गांव पड़ता है। जिसमें ज्यादातर मुस्लिम लोग रहते हैं। उमरियां गांव के लोगों ने कांवड़ यात्रा का विरोध किया। जिसके चलते ममला बढ़ता देखकर डीएम ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी।
वहीं जब इसकी सूचना भाजपा विधायक पप्पू भरतौल उर्फ राजेश मिश्रा को मिली तो उन्होंने कांवड़ यात्रा को हर कीमत पर उमरिया गांव से निकालने की बात कही। जिसके बाद कांवड़िए गांव में धरने पर बैठ गए। वहीं गुरुवार को विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष पवन अरोड़ा दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ खजुरिया गांव पहुंच गए और वहां धरना शुरू कर दिया। इस दौरान दोनों समुदाय के लोग आमने सामने आ गए। पुलिस को सूचना मिलते ही पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया।
जब कि वहीं इस बाबत डीएम वीरेंद्र सिंह का कहना है कि खजुरिया, उमरिया और नकटिया में तनाव को देखते हुए पुलिस पीएसी और मजिस्ट्रेट को तैनात कर गया है। उनका कहना है कि कुछ लोग गांव में ग्रामीणों को समझाने के लिए पहुंचे थे। तभी कुछ अफवाह उड़ गई। जिस वजह से लोग सड़कों पर आ गए हैं।
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