नई दिल्ली। हालीवुड के बाद अब भारत में “#मी टू” कैंपेन ने न सिर्फ नामचीन हस्तियों का सुख चैन छीन लिया है बल्कि अब तो केन्द्र की मोदी सरकार भी इसको लेकर काफी असहज होती नजर आ रही है। जिसकी बानगी है कि सरकार द्वारा देश भर में #MeToo कैंपेन के तहत आ रहीं यौन शोषण की शिकायतों की जांच के लिए अब मंत्रियों का समूह ( GOM) बनाया जा रहा है। हालांकि इससे पहले केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक कमेटी गठित करने का ऐलान किया था।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा बनाया जाने वाला मंत्रियों का यह समूह यौन शोषण के मामलों की तहकीकात कर सरकार को आगे का रास्ता सुझाएगा। इनकी रिपार्ट पर ही सरकार ऐसे मामलों पर कार्रवाई और रोकथाम के लिए कदम उठाएगी। सूत्रों के मुताबिक इस मंत्री समूह की अध्यक्षता वरिष्ठ महिला मंत्री करेंगी।
ज्ञात हो कि महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी मी टू मामलों को लेकर काफी गंभीर है। उन्होंने हाल ही में इन मामलों से निपटने क लिए भारत सरकार ने रिटायर्ड जजों की एक विशेष कमेटी गठित करने का ऐलान किया था। लेकिन मोदी सरकार कैबिनेट ने केंद्रीय मंत्री के प्रस्ताव को खारिज करते हुए जजों से जांच की बात ठुकरा दी।
दरअसल मेनका गांधी ने कहा था कि ये कमेटी कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों से निपटने के मौजूद कानूनी पहलुओं और फ्रेमवर्क का अध्ययन करेगी और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को सलाह देगी कि इन्हें और भी कैसे मजबूत किया जा सके। उन्होंने कहा कि कार्यस्थलों पर महिलाओं का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। कमेटी के सामने आकर महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगी।
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