लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पुलिस के दामन पर रोज ही नये दाग लगने से जहां उसकी कार्यशौली पर तो सवालिया निशान लग ही रहे हैं वहीं काफी हद तक ऐसा भी जाहिर होने लगा है कि विभाग में मौजूद कर्मियों में से तमाम न सिर्फ बेलगाम हो चुके हैं बल्कि कुछ भी करने में गुरेज नही करते हैं। इसी क्रम में अब जनपद फिरोजाबाद में फिरोजाबाद में 10 दिनों के अंदर पुलिस हिरासत में मौत का एक और मामला सामने आया है। इस बार हिरासत में मरने वाली बुजुर्ग महिला है।
गौरतलब है कि थाना उत्तर के टॉपा कला निवासी उमाशंकर को पुलिस शुक्रवार को शराब के मामले में पकड़ने गई थी। पुलिस का आरोप है कि परिजनों ने उमाशंकर की अनुपस्थिति में कह दिया था कि उसे थाने लेकर आएंगे। वहीं परिजनों का कहना है कि पुलिस जबरन परिवार के चार लोगों को पकड़ कर लाई थी। इनके साथ में ही वृद्धा पुष्पा (70) थी।
पुलिस का कहना है कि थाने आने के बाद वृद्धा की हालत बिगड़ने लगी। उसने शरीर में बेचैनी बताई और फिर अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। परिवार के लोगों का आरोप है कि पुलिस ने महिला के साथ मारपीट की थी। अभद्रता की थी। जिससे टॉर्चर के चलते उसकी मौत हो गई। परिजनों के आरोपों के बीच पुलिस शव का पोस्टमार्टम करा रही है।
जबकि इस संबंध में थाना प्रभारी उत्तर रविंद्र दुबे ने कहा कि जो भी आरोप लग रहे हैं, पूरी तरह से गलत है। पुलिस किसी महिला को थाने लेकर नहीं आई है। महिला की बीमारी से हुई है। ज्ञात हो कि जिले में 10 दिनों के अंदर पुलिस हिरासत में मौत का यह दूसरा मामला है। इससे पहले 22 नवंबर को थाना मक्खनपुर में एक युवक की मौत हो गई थी। इस मामले में एसएसपी सचिंद्र पटेल ने एसएचओ थाना मक्खनपुर, एसआई और हेड मोहर्रिर को निलंबित कर दिया है। वहीं इस मामले में एसपी सिटी राजेश कुमार का कहना है पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।
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