Wednesday , October 9 2024
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UP: भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सहयोगियों से आहत, चाह कर भी नही मिल पा रही राहत

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लखनऊ। देश के सबसे अहम और बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में जहां विपक्ष का महागठबंधन की कवायद को लेकर जोर आजमाईशों का दौर जारी है। वहीं केन्द्र में सत्तारूढ़ राजग का भी अपने सहयोगियों का साधने और मनाने का दौर जारी है। जिसके तहत मध्यप्रदेश में कांग्रेस नेता कमलनाथ के बयान और रवैये से खफा सपा मुखिया अखिलेश को मनाने के लिए कांग्रेस जोर शोर से जुट गई है। वहीं भाजपा के लिए प्रदेश में पहले ही से सिरदर्द बनी सहयोगी दल सुभासपा के बाद अब अपना दल ने भी वक्त की नजाकत देखते हुए अपने तल्ख् तेवर दिखाने शुरू कर दिये हैं। माना जा रहा है कि हाल ही में बिहार में पासवान की लोजपा द्वारा तेवर दिखा कर अपनी बात मनवा लेने के चलते ही संभवतः ऐसा हो रहा है।

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि वह कांग्रेस के साथ चुनाव नहीं लड़ेंगे। सपा की नाराजगी का कारण है मध्यप्रदेश में उसके विधायक को मंत्रीपद न दिया जाना जबकि उसने बिना शर्त कांग्रेस को समर्थन दिया था।  हालांकि इस मामले पर संसद भवन के बाहर कांग्रेस नेता राज बब्बर ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय नेता के वक्तव्य में उनकी नाराजगी नजर आ रही है। नाराजगी कभी बेगानो से नहीं होती है। कांग्रेस और सपा के नेतृत्व आपस में बात करके इन चीजों को सुलझा लेंगे। जनता चाह रही है कि हम सब लोग मिलकर चुनाव लड़ें।’

ज्ञात हो कि अखिलेश ने के सी राव से मुलाकात की बात कहकर तीसरे मोर्चे के गठन की कवायद को और मजबूती दे दी है। अखिलेश पहले ही साफ कर चुके हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को गठबंधन में शामिल करने के इच्छुक नहीं हैं। यहां सपा-बसपा मिलकर भाजपा का मुकाबला करेंगे। इससे संकेत मिलता है कि वह 2019 में गैर भाजपा-गैर कांग्रेस मोर्चा बनाने को लेकर गंभीर हैं और के सी राव इसी कोशिश में जुटे भी हुए हैं।

वहीं भाजपा की सहयोगी अपना दल ने भी मोदी-शाह की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दरअसल एनडीए की सहयोगी पार्टी अपना दल की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने पार्टी अध्यक्ष आशीष पटेल के बयान पर कहा, ‘भाजपा को हाल में मिले नुकसान से सबक लेना चाहिए। सपा-बसपा का गठबंधन हमारे लिए चुनौती है। मेरी पार्टी के अध्यक्ष ने पहले ही पार्टी का नजरिया बता दिया है और मैं उसके साथ खड़ी हूं।’ एक तरह से उत्तर प्रदेश जैसे अहम सूबे में जहां हाल फिलहाल भाजपा की फिजा वैसेी नही है जैसी कभी थी ऐसे में इस तरह से सहयोगी दलों का इस तरह से तेवर दिखाना मामले को पेंचीदा बना रहे हैं।

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