लखनऊ। वो हमारा बचपन और तितलियों के पीछे भागना उनको पकड़ने की चाह में गिरना सम्हलना और घरवालों की डांट कि उनको मत सताओ वह बहुत नाजुक होती हैं। सब गुजरे जमाने के किस्से हो गए और हम सभी इस भागती दौड़ती जिन्दगी के हिस्से हो गए। भले ही हमारे बच्चो उस जिन्दगी को नही जी पाऐंगे और न ही उनको वह परी सरीखी एक से बढ़कर एक रंगीन खूबसूरत तितली देखने को न मिल सकेंगी लेकिन फिर भी सरकार के द्वारा बने इस तितली पार्क में उन्हें कम से कम ये ऐहसास होगा कि हम जो उनको तितलियों के किस्से सुनाते थे वह वाकई हकीकत थे।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में शनिवार को पहली बार बटरफ्लाई पार्क का उद्घाटन किया गया है। अब ये पार्क आम जनता के लिए खोल दिया गया है। इस बारे में जब तितली विशेषज्ञ और जूलॉजिस्ट डॉक्टर आरके सिंह से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि इन तितलियों पर कई समय से रिसर्च की जा रही थी, जो अब पूरी हो गई है।
बटरफ्लाई पार्क में तितलियों पर अध्ययन कर रहे विशेषज्ञों कि रिपोर्ट के मुताबिक 50 तितलियों की प्रजातियों के बारे में ही पता चल पाया है बाकि इन पर और रिसर्च चल रही है। हालांकि अभी तक अधिकरियों की ओर से इन प्रजातियों पर कोई गणना नहीं की गई है। तितलियों की गणना करने के लिए 50 तरह के फूल वाले पौधों को लगाया गया है।
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