नई दिल्ली! राफेल डील को लेकर एक अंग्रेजी अखबार की ओर से किए गए ताजा खुलासे से घमासान छिड़ गया है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार ने राफेल डील पर दस्तखत से कुछ दिन पहले ही मानक रक्षा खरीद प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के खिलाफ पेनल्टी से जुड़े अहम प्रावधानों को हटा दिया था. इस नए खुलासे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने जानबूझकर डील से क्लॉज को हटाया.
अंग्रेजी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने सितंबर 2016 में इन्टर-गवर्नमेंटल एग्रीमेंट , सप्लाइ प्रोटोकॉल्स, ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट्स और ऑफसेट शेड्यूल में 9 बदलावों को मंजूरी दी. सरकार ने राफेल डील पर दस्तखत होने से चंद रोज पहले स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रक्रिया में कुछ अहम बदलाव किए. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने प्रभाव के बेजा इस्तेमाल पर जुर्माना, एजेंट या एजेंसियों के कमिशन से जुड़े प्रावधानों समेत कई बदलाव किए.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने भी मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, ‘सरकार ने जितना सोचा नहीं था, उससे ज्यादा तेजी से राफेल सौदे में खुलासे हो रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि पहले कीमत बढ़ाई गई, फिर यह खुलासा हुआ कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने समानांतर बातचीत करके भारतीय वार्ता दल के प्रयासों को कमजोर किया. अब यह खुलासा हुआ है कि मानक रक्षा खरीद प्रक्रिया के प्रावधानों में बदलाव किए गए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि फ्रांस की कंपनी दसॉ को इस सौदे में फायदा ही फायदा हुआ है.
एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से इसे खारिज किया गया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूपीए सरकार ने ही नियम बनाया था कि मित्र देशों के साथ इंटर-गवर्नमेंटल अग्रीमेंट के दौरान स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रसीजर में मामले में कुछ शर्तों से छूट ली जा सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार ने यूपीए सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का ही पालन किया है.
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