नई दिल्ली! दिल्ली में उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के अधिकारों को लेकर उच्चतम न्यायालय के गुरुवार को दिए निर्णय से सकते में आयी आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और राजधानी की जनता के प्रति अन्याय करार दिया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारों को लेकर शीर्ष अदालत के फैसले को बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और राजधानी की जनता के साथ अन्याय करार दिया है. उन्होंने फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि चुनी हुई सरकार को अधिकारियों के तबादले का कोई अधिकार नहीं है ऐसे में सरकार कैसे चलेगी?
उधर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा ने भी अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला और कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अरविंद केजरीवाल की करारी हार हुई है. प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में करके कोर्ट की अवमानना की है, हम इस मसले पर केजरीवाल के खिलाफ अवमानना का केस दायर करने पर विचार कर रहे हैंष अरविंद केजरीवाल पहले शरद पवार, राहुल गांधी के खिलाफ नारे लगाकर कहते थे कि लोकतंत्र बचाना है, लेकिन क्या इस तरह से लोकतंत्र बचेगा.
दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी(आप) ने गुरुवार को दिल्ली सरकार के अधिकारियों के तबादले और तैनाती पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने यहां मीडिया से कहा, दिल्ली सरकार ने आज चार वर्ष पूरे कर लिए हैं. जब हमने अपना काम शुरू किया था, तभी से केंद्र दिल्ली सरकार के काम में रोड़ा अटका रहा है. हम उम्मीद कर रहे थे कि चार वर्ष बाद, सर्वोच्च न्यायालय मामले में स्पष्ट निर्णय देगा. उन्होंने कहा, अब हमें खबर मिल रही है कि कोई भी स्पष्ट निर्णय नहीं किया गया है. अब मामले को बड़ी पीठ के पास भेज दिया गया है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. पार्टी विधायक ने यह भी कहा कि यह निर्णय दिल्ली सरकार से ज्यादा दिल्ली के लोगों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा, अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है. दोनों न्यायाधीशों की तबादला और तैनाती पर अलग-अलग राय है.
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