नई दिल्ली! विदेश मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी ने भारत द्वारा किये गए हमले में जैश को हुए नुकसान के सबूत मांगे हैं. कमेटी ने कहा है कि इसे लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर में जिस तरह के असमंजस की स्थिति बन रही है उसे दूर करने के लिए सबूतों को सार्वजनिक कर दिया जाना चाहिए. कमेटी ने कहा है कि इसके बाद अटकलों पर रोक लगेगी और विदेशी मीडिया को भी पता चल सकेगा कि कितने आतंकी मार गिराए गए हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक विदेश सचिव विजय गोखले और विदेश मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को विदेश मामलों की स्थायी समिति के सदस्यों को पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले और उसके बाद के घटनाक्रमों की जानकारी दी. इस दौरान विदेश मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी ने केंद्र सरकार से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शिविर पर एयर स्ट्राइक से हुए नुकसान के बारे में सबूत देने की अपील की. स्टैंडिंग कमेटी के मुताबिक सरकार के इस पहल से भारत द्वारा किए गए एयर स्ट्राइक में मरने वाले आतंकियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में संदेह की स्थिति खत्म हो सकती है.
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस दौरान विदेश सचिव ने 26 फरवरी को हुए एयर स्ट्राइक के ऑपरेशन की जानकारी का ब्योरा देने से इनकार कर दिया. उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद शिविर में मारे गए आतंकवादियों की संख्या के सवालों का जवाब देने से भी इनकार कर दिया. बताया जा रहा है कि समिति के सदस्यों ने भारतीय वायुसेना की एयरस्ट्राइक की सराहना की लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को उचित श्रेय नहीं मिलने पर इसकी आलोचना भी की.
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