नई दिल्ली. भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 0-2 से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी जो 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ मिली 1-4 से हार के बाद सबसे खराब प्रदर्शन है. दुनिया की नंबर-1 टीम को न्यूजीलैंड ने अपनी मेजबानी (क्राइस्टचर्च) में सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में तीसरे ही दिन सोमवार को 7 विकेट से हरा दिया. पहले टेस्ट में भी मेहमान टीम को 10 विकेट से हार झेलनी पड़ी थी.
आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप में भारत हालांकि 360 अंकों के साथ टॉप पर है और उसकी अगली टेस्ट सीरीज अब नवंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होनी है. इससे उसके लिए राहत की बात कही जा रही है. इससे पहले टेस्ट में भारतीय टीम को विराट कोहली की कप्तानी में कभी वाइटवॉश का सामना नहीं करना पड़ा था.
विराट कोहली के कप्तान बनने के बाद भारत को पहली बार टेस्ट सीरीज में वाइटवॉश का सामना करना पड़ा है. इससे पहले 2011-12 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 4-0 से मात दी थी. उनके फुल टाइम कप्तान बनने के बाद भारत को यह तीसरी बार टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा है. तीनों ही बार हार विदेशी धरती पर मिली.
टेस्ट सीरीज के दौरान भारतीय बल्लेबाजों ने 18.05 की औसत से रन बनाए. भारतीय बल्लेबाजों का किसी टेस्ट सीरीज में यह तीसरा सबसे खराब औसत है. इससे भी खराब जो दो औसत रहे हैं वे भी न्यूजीलैंड के खिलाफ ही रहे हैं. 2002-03 में भी न्यूजीलैंड में भारतीय टीम का सफाया हुआ था और तब टीम के बल्लेबाजों ने महज 13.37 के औसत से रन बनाए थे. इसके अलावा जब कीवी टीम 1969-70 में भारतीय दौरे पर आई थी तब पर भारतीय बल्लेबाज 16.61 की औसत से ही रन बना सके थे.
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