Friday , November 1 2024
Breaking News

आरबीआई का एक और बूस्टर, रेपो रेट घटाया, EMI चुकाने की छूट तीन महीने बढ़ाई

Share this

नई दिल्ली. कोरोनावायरस से पस्त इकॉनमी को एक और बूस्टर देते हुए केंद्रीय बैंक RBI ने रेपो रेट में और कटौती का ऐलान किया है. रेपो रेट में 40 बीपीएस की कटौती कर दी गई है, जिसके बाद नया रेट 4% हो गया है. इतनी ही कटौती रिवर्स रेपो रेट में की गई है, जो अब 3.25% हो गया है. इस कदम से आपकी EMI का बोझ कुछ कम होगा. साथ ही EMI मोराटोरियम को तीन महीने आगे बढ़ा दिया गया है.

कोरोना के लॉकडाउन के बाद से यह तीसरी बार है जब आरबीआई ने कराहती इकॉनमी को देखते हुए राहतों का ऐलान किया. सबसे पहले 27 मार्च को और उसके बाद 17 अप्रैल को RBI ने कई तरह की राहतों का ऐलान किया था, जिसमें EMI मोराटोरियम जैसे बड़े ऐलान किए गए थे.

रेपो रेट क्या है? : जब हमें पैसे की जरूरत हो और अपना बैंक अकाउंट खाली हो तो हम बैंक से कर्ज लेते हैं. इसके बदले हम बैंक को ब्याज चुकाते हैं. इसी तरह बैंक को भी अपनी जरूरत या रोजमर्रा के कामकाज के लिए काफी रकम की जरूरत पड़ती है. इसके लिए बैंक भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं. बैंक इस लोन पर रिजर्व बैंक को जिस दर ब्याज चुकाते हैं, उसे रेपो रेट कहते हैं.

रेपो रेट का आप पर असर: जब बैंक को रिजर्व बैंक से कम ब्याज दर पर लोन मिलेगा तो उनके फंड जुटाने की लागत कम होगी. इस वजह से वे अपने ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे सकते हैं. इसका मतलब यह है कि रेपो रेट कम होने पर आपके लिए होम, कार या पर्सनल लोन पर ब्याज की दरें कम हो सकती हैं.

रिवर्स रेपो रेट: रिवर्स रेपो रेट रेपो रेट से उलटा होता है. बैंकों के पास दिनभर के कामकाज के बाद बहुत बार बड़ी रकम शेष बच जाती है. बैंक यह रकम रिजर्व बैंक में रख सकते हैं, जिस पर उन्हें ब्याज भी मिलता है. जिस दर पर यह ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं. अगर रिजर्व बैंक को लगता है कि बाजार में बहुत ज्यादा नकदी है, तो वह रिवर्स रेपो दर में बढ़ोतरी कर देता है, जिससे बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपना धन रिजर्व बैंक के पास रखने को प्रोत्साहित होते हैं और इस तरह उनके पास बाजार में छोड़ने के लिए कम धन बचता है.

27 मार्च को किए गए मोराटोरियम को अब 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. तीन महीने के लिए दिए गए हर तरह की राहत को अब और तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. यानी मोराटोरियम 1 जून से 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है, आपको और तीन महीने के लिए लोन की किस्त टालने का ऑप्शन मिल गया है. इसके अलावा, SIDBI को अतिरिक्त फ्लेक्सिबिलिटी का ऐलान किया गया. 90 दिन के टर्म लोन के लिए 90 दिनों य़ानी 3 महीने का और एक्टेंशन दिया गया है. इससे MSME सेक्टर को अडिशनल सपॉर्ट मिलेगा.

Share this
Translate »