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मोटरसाइकिल से आग बुझाएंगे फायर फाइटर्स, संकरी गलियों पर पहुंचने में मिलेगी मदद

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नई दिल्ली. केंद्र सरकार देश में पहली बार दो पहिया वाहनों (मोटर साइकिल) में अग्निशमन प्रणाली लगाने के मानक लागू करने जा रही है. इससे दो पहिया वाहन पर सवार फायर फाइटर संकरी गलियों व घनी बस्तियों में आसानी व तेज गति से पहुंच सकेंगे. त्वरित कार्रवाई से आग को फैलने से बड़े हादसों को रोका जा सकेगा, जिससे जानमाल की रक्षा सुनिश्चित होगी. नई श्रेणी के अग्निशमन वाहनों के दूत कार में आग लगने, सड़क दुर्घटना, आतंकी हमला, आपातकालीन स्थिति व भूकंप आदि विषम परिस्थितियों में अहम भूमिका निभा सकेंगे.

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रायल ने शुक्रवार को अग्निशमन प्रणली युक्त दो पहिया वाहनों के निर्माण, बदलाव व कार्य संबंधी अंतिम मसौदा तैयार कर लिया है. इसके मुताबिक दो पहिया वाहनों में अग्निशमन प्रणाली लगाने के लिए जरुरी उपाय (पुर्जे-उपकरण) किए जांएगे. इसमें वाहन में आग से निपटने के दूसरे आश्यक उपकरण होंगे.

दो पहिया वाहन में कम से कम एक किलो का एक अग्निशामक व आग बुझाने के लिए कैमिकल होगा. वाहनों पर नीले रंग की इमरजेंसी बत्ती (फ्लैश लाइट) व हूटर अथवा सायरन होना चाहिए. जिससे ट्रैफिक में वाहन को तेजी से आगे बढ़ने के लिए रास्त मिल सके. वाहन को खड़ा करने के लिए बीच व दोनों ओर स्टैंड होंगे. इसकी अधिकतम रफ्तार 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक होगी. इसके साथ ही जनता को संबोधन करने के लिए उद़्घोषणा प्रणाली की व्यवस्था होनी चाहिए. इसके अलावा मासैदा में दो पहिया अग्निशमन वाहनों के संचालन के लिए स्पेशल परपज व्हीकल बनाने का प्रावधान किया जाएगा.

इसमें उल्लेख है कि सरकार के लिए महानगरों व शहरो की संकीर्ण गलियों व बस्तियों में आग की घटनाओं से निपटना हमेशा से बड़ी चुनौती रही है. चार पहिया अग्निशमन वाहनों के घटना स्थल पर नहीं पहुंचने से आग की घटनाएं भीषण रूप धारण कर लेती हैं, जिसमें खासा जानमाल का नुकसान होता है.

दिल्ली दमकल विभाग (फायर डिपार्टमेंट) के निदेशक व फायर सर्विस मेडल से सम्मानित अतुल गर्ग ने हिदुस्तान को बताया कि मानकीय करण से सभी शहरों में एक जैसे दो पहिया वाहनों में अग्निशमन प्रणाली लगाई जाएंगी. इससे यह फायदा होगा कि फायर फाइटर घटना स्थल पर जाकर सटीक जानकारी दे सकेंगे, जिसकी मदद से तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू हो सकेगा. साथ ही दो पहिया वाहन आसानी से घनी बस्तियों में भीतर तक जा सकें.

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