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हार पर रार: सिब्बल के समर्थन में चिदंबरम, इन राज्यों से भी उठी बदलाव की मांग

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नई दिल्ली. बिहार और कई अन्य राज्यों में हुई चुनावी हार के बाद कांग्रेस में बड़े स्तर पर बदलाव करने की मांग लगातार तेज होती जा रही है. पार्टी के मौजूदा हालात पर चिंता जताने वालों और पार्टी में आत्ममंथन की मांग उठाने वाले नेताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के सवालों की चिंगारी को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी हवा दी है.

इस बीच झारखंड में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोध कांत सहाय और बिहार चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी साफ तौर पर कहा है कि चुनाव जीतने के लिए संगठन की कमजोरी दूर करनी होगी और इसके लिए बड़े स्तर पर बदलाव करना जरूरी है. दूसरी ओर पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी नेतृत्व का बचाव करते हुए आंतरिक कलह पैदा करने वाले नेताओं को फटकार लगाई है.

पार्टी में घमासान और तेज- कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव जनवरी में प्रस्तावित है मगर उससे पहले ही संगठन की कमजोरी को लेकर घमासान काफी तेज हो गया है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी संगठन की कमजोरी को लेकर सवाल उठाने वाले नेताओं की संख्या और बढ़ेगी. चिदंबरम ने किया सिब्बल का समर्थन कपिल सिब्बल की ओर से उठाए गए सवालों का पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी समर्थन किया है. चिदंबरम ने बिहार में कांग्रेस के अपनी क्षमता से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के फैसले पर भी सवाल खड़ा कर दिया. राजद नेता भी कांग्रेस पर ऐसा ही आरोप लगा रहे हैं. राजद नेताओं का कहना है कि कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं थी और यही कारण था कि महागठबंधन को बिहार चुनाव में बहुमत नहीं हासिल हो सका.

बिहार के नेता ने भी चर्चा की मांग उठाई- बिहार चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने हालांकि हाईकमान पर सीधे तौर पर तो उंगली नहीं उठाई है मगर उनका भी कहना है कि पार्टी की कमजोर स्थिति पर विधिवत चर्चा होनी चाहिए. उनका कहना है कि कांग्रेस ने कई ऐसी सीटों पर चुनाव लड़ना स्वीकार कर लिया जिन पर उसकी स्थिति मजबूत नहीं थी. चुनावी नतीजों में पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा.

दूसरी ओर पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाईकमान पर सवाल उठाने वाले नेताओं को लताड़ लगाई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेताओं के कारण ही पार्टी लगातार कमजोर होती जा रही है. खड़गे ने कहा कि उन्हें कुछ वरिष्ठ नेताओं की ओर से पार्टी और नेताओं को लेकर दिए जाने वाले बयानों की वजह से धक्का लगा है.

उन्होंने कहा कि हमें भाजपा और आरएसएस की चुनौतियों का सामना करना है मगर हम आपसी कलह में जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक पार्टी के लोग ही पार्टी को कमजोर करते रहेंगे तब तक हम न तो आगे बढ़ पाएंगे और न भाजपा की चुनौतियों से जूझ पाएंगे.

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