नई दिल्ली. कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को जमकर फटकार लगाई. सुनवाई के दौरान अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि बेड के लिए हमें कई लोगों के कॉल आ रहे हैं. यहां तक कि आपके पास भी लोग रिक्वेस्ट कर ही रहे होंगे. अदालत ने कहा कि दिल्ली में लोग पीड़ित हो रहे हैं और कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं. केंद्र को इस मुद्दे को लेकर कुछ करना होगा.
इस दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने हाईकोर्ट से कहा कि आठ पीएसए प्लांटों में से दो पहले से ही चालू हैं और दो अन्य प्लांट 30 अप्रैल तक चालू हो जाएंगे. बाकी के प्लांट दिल्ली सरकार से अनुमति मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कुछ अथॉरिटी ने अपने यह कहते हुए अपना कदम खींच लिये कि सरकार की ओर से इसमें कुछ बदलाव के साथ दोबारा अनुमति देने की जरूरत है
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते मंगलवार को भी ऑक्सीजन संकट को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि आपका सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया है, किसी काम का नहीं है. पहले सिस्टम ठीक कीजिए. अदालत ने कहा था कि अगर आपके अधिकारी हालात को संभाल नहीं पा रहे, तो बताइए. हम केंद्र के अधिकारियों को इस काम में लगाएंगे.
अदालत ने कहा कि हम लोगों को मरने नहीं दे सकते. इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली सरकार से एक ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता के यूनिट को अपने हाथ में लेने का आदेश दिया था, क्योंकि वह अदालत में झूठ बोल रहा था. सुनवाई के दौरान आपूर्तिकर्ता तरुण सेठ ने अदालत से कहा था कि उसे तो केवल चार अस्पतालों में ही ऑक्सीजन आपूर्ति करने के लिए कहा गया है. सेठ ने कहा कि जब वह दिल्ली सरकार के अधिकारियों से पूछते हैं कि क्या सारा ऑक्सीजन केवल इन्हीं चार अस्पतालों को देना है, तब वे कहते हैं कि बाकी 76 को भी आपको ही प्रबंध करना होगा.
Disha News India Hindi News Portal