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पूरे देश में टीएमसी का बीजेपी के खिलाफ खेला होबे दिवस का आयोजन, 16 अगस्त से शुरूआत

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कोलकाता. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तर प्रदेश, दिल्ली और गुजरात समेत कई राज्यों में मेगा वर्चुअल रैली की. शहीद दिवस पर की गई इस वर्चुअल रैली से ममता ने जाहिर कर दिया है कि बंगाल विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उनकी नजर अब दिल्ली की सरकार पर है. ममता ने कहा कि जब तक भाजपा पूरे देश से साफ नहीं हो जाती है, तब तक सभी राज्यों में खेला होगा. उन्होंने कहा कि हम 16 अगस्त से खेला दिवस की शुरुआत करेंगे और गरीब बच्चों को फुटबॉल बांटेंगे.

भाजपा को अपने ही मंत्रियों पर भरोसा नहीं, जासूसी कराती है

ममता ने वर्चुअल रैली में कहा, आज हमारी आजादी खतरे में है. भाजपा ने हमारी स्वतंत्रता को खतरे में डाल दिया है. वो अपने ही मंत्रियों पर भरोसा नहीं करती है और एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करती है. हमारे फोन टैप किए जाते है. पेगासस खतरनाक और क्रूर है. मैं किसी से बपात नहीं कर सकती. ये लोग जासूसी के लिए बहुत ज्यादा पैसा खर्च कर रहे हैं. मैंने अपने फोन पर प्लास्टर चढ़ा दिया है. हमें केंद्र पर भी प्लास्टर चढ़ा देना चाहिए, वरना पूरा देश बर्बाद हो जाएगा. भाजपा ने संघीय ढांचे को गिरा दिया है.

2 दिन पहले तृणमूल ने जारी किया लोकसभा चुनाव 2024 का स्लोगन

बंगाल विधानसभा चुनाव में बंगाल अपनी बेटी चाहता है, नारा देने वाली ममता ने 2 दिन पहले नया नारा जारी किया है- जिसे देश चाहता है. उनके और भतीजे अभिषेक के पोस्टर सारे कोलकाता में पटे पड़े हैं. अब वो यूपी, दिल्ली, गुजरात, असम, तमिलनाडु और त्रिपुरा समेत देशभर में कई जगहों पर वर्चुअल रैली कर रही हैं. लाइव स्ट्रीमिंग के साथ-साथ ममता के भाषण को स्थानीय भाषाओं में अनुवाद कराने का भी इंतजाम है.

2024 में दिल्ली में ममता सरकार- तृणमूल

पार्टी के नेता मदन मित्रा ने बताया कि टीएमसी 21 जुलाई को वर्चुअल कार्यक्रमों के जरिए राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश करने जा रही है. इसके लिए त्रिपुरा, असम, ओडिशा, बिहार, पंजाब, यूपी और दिल्ली में बड़ी स्क्रीन लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि 2024 में दिल्ली में ममता सरकार होगी. 2024 के आम चुनाव का सबसे बड़ा फैक्टर उत्तर प्रदेश है. यहां 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा हारने जा रही है. कोलकाता में 1993 में 21 जुलाई को यूथ कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में 13 कार्यकर्ता मारे गए थे. इस प्रदर्शन की अगुवाई ममता ही कर रही थीं. इसके बाद से ही तृणमूल कांग्रेस ने इस दिन को शहीद दिवस के तौर पर मनाना शुरू कर दिया. हर साल 21 जुलाई को तृणमूल इस दिन बड़ी रैली का आयोजन करती है. पिछले साल इस दिन ममता ने अपने दफ्तर से पार्टी वर्कर्स को संबोधित किया था.

बंगाल जीतने के बाद दूसरे राज्यों पर नजर

तृणमूल का महासचिव बनाए जाने के तुरंत बाद अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि अब पार्टी केवल बंगाल नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी चुनाव लड़ेगी. इससे पहले भी तृणमूल केरल और गुजरात में चुनाव लड़ चुकी है, पर ज्यादा असर नहीं डाल पाई. नॉर्थ ईस्ट में मणिपुर, अरुणाचल और त्रिपुरा में पार्टी ने पकड़ बनाई पर उसे कायम नहीं रख सकी. तृणमूल के एक नेता ने कहा कि अब देश का मूड अलग है.

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