टोक्यो. भारत की बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने रविवार 1 अगस्त को चीन की जियाओ हे बिंग को हराकर टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. सिंधु दो ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं हैं. सिंधु ने इस मुकाबले में शुरुआत से ही दबदबा बनाए रखा और पहले गेम में चीनी खिलाड़ी को 21-13 से हराकर अपनी पकड़ मजबूत कर ली. इसके बाद उन्होंने दूसरे गेम में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए मेडल अपने नाम कर लिया. सिंधु ने चीनी खिलाड़ी बिंग को 52 मिनट तक चले मुकाबले में 21-13, 21-15 से हराया.
सिंधु का दूसरा ओलंपिक था. रियो में सिंधु ने डेब्यू किया था और सिल्वर मेडल जीता था. पहलवान सुशील कुमार के बाद लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाली सिधु दूसरी भारतीय खिलाड़ी हैं. सुशील ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य और 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीता था. भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में यह दूसरा मेडल है.
बीते शनिवार को पीवी सिंधु सेमीफाइनल मुकाबले में जीत हासिल नहीं कर पाई थीं, जिसकी वजह से उनका स्वर्ण पदक जीतने का सपना टूट गया था. हालांकि उनके पास सेमीफाइनल हारने के बाद ब्रॉन्ज मेडल जीतने का मौका था, जिसका उन्होंने बखूबी फायदा उठाया. उनकी इस जीत से पूरे देश में खुशी की लहर है.
मुक्केबाजी में पदक की उम्मीद खत्म
रविवार को भारत के स्टार मुक्केबाज सतीश कुमार को सुपर हेवीवेट कैटेगरी के सेमीफाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा. उज्बेकिस्तान के बाखोदीर जालोलोव ने सेमीफाइनल में जगह बनाकर मेडल पक्का कर लिया. विश्व चैम्पियन और एशियाई चैम्पियन उज्बेकिस्तान के बाखोदीर जालोलोव ने ब्ल्यू कार्नर से खेल रहे सतीश को एकतरफा अंदाज में 5-0 के अंतर से हराकर टोक्यो से विदा किया. सतीश कुमार की हार के साथ ही पुरुष मुक्केबाजी में भारत की चुनौती समाप्त हो गई है.
Disha News India Hindi News Portal