नई दिल्ली. संसद के मानसून सत्र में विपक्ष के हंगामे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान और लोकतंत्र का अपमान बताया है. मंगलवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री ने विपक्ष द्वारा संसद नहीं चलने देने को संविधान और लोकतंत्र का अपमान बताया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार और पार्टी सांसदों को हर वो कदम उठाना चाहिए, जिससे सदन को सुचारू रूप से चलाया जा सके. इससे पहले बीजेपी संसदीय दल की बैठक में ओबीसी वर्ग को मेडिकल की पढ़ाई में 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी.
बैठक के बाद जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री ने संबोधन की शुरुआत अच्छी खबर के साथ की. हमारा जीएसटी कलेक्शन 1.16 लाख करोड़ पहुंच गया है. टोक्यो ओलंपिक में पीवी सिंधु का कांस्य पदक जीतना और हॉकी टीम की उपलब्धियों के बारे में भी प्रधानमंत्री ने बात की. मुरलीधरन ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा संसद का अपमान है. जिस व्यक्ति ने कागज छीना और उसे फाड़ दिया, उसे अपने कृत्यों का पश्चाताप नहीं है. विधेयकों को पारित करने के संबंध में एक वरिष्ठ सांसद द्वारा की गई टिप्पणी अपमानजनक है
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बात को दोहराया कि लोगों को महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हम कोई कोर कसर उठा नहीं रखेंगे. प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही ई-रूपी की भी बात की और कहा कि इससे लोगों को विशेष फायदे मिलेंगे. उन्होंने कहा कि कई सारी योजनाओं का उपयोग कई अन्य उद्देश्यों के लिए हो रहा है, लेकिन ई-रूपी से इन सबका निवारण हो जाएगा.
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन द्वारा सोमवार को किए गए ट्वीट का जिक्र करते हुए कहा,प्रधानमंत्री ने इसे उन लोगों का अपमान बताया, जिन्होंने सांसदों को चुना है. उन्होंने इस पर क्षोभ प्रकट किया और कहा कि पापड़ी चाट बना रहे हैं. कहना अपमानजनक है. कागज फाड़ना और उन्हें फेंकना और फिर माफी नहीं मांगना, ये सब अहंकार है.
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