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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा: भारत बनेगा ड्रोन हब, सरकार ने नए ड्रोन नियमों का किया ऐलान

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नई दिल्ली. देश में ड्रोन से हमले के खतरे को देखते हुए सरकार बेहद सतर्क हो गई है. जम्‍मू-कश्‍मीर में पाकिस्‍तान से लगी सीमा पर कई बार ड्रोन दिखाई देने की घटना के बाद सरकार ने देश में नए ड्रोन नियमों का ऐलान 25 अगस्‍त को किया था. अब भारत में उड़ने वाले सभी ड्रोन पर नए नियम लागू होंगे. इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उत्‍साहित हैं. उन्‍होंने ट्वीट करते हुए कहा कि इन नियमों से भारत को ड्रोन के हब के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी.

बता दें कि यह पॉलिसी उन लोगों के लिए बनाई गई है, जिनका स्वामित्व भारत में ड्रोन के लिए है. नए नियम के तहत ड्रोन डीजीसीए की वेबसाइट में रजिस्टर होना चाहिए, जिसमें इंजन नंबर, मालिक का नाम, मोबाइल नंबर और अन्य विवरण होने चाहिए. ड्रोन मालिक के पास डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के तहत यूनिक आईडी होनी चाहिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा, नए ड्रोन नियम भारत में इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण की शुरुआत कर रहे हैं. यह नियम विश्वास और स्व-प्रमाणन के आधार पर आधारित हैं. इनके तहत स्‍वीकृति और प्रवेश बाधाओं को कम कर दिया गया है.

उनका कहना है, नए ड्रोन नियम इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्ट-अप और हमारे युवाओं की काफी मदद करेंगे. यह इनोवेशन और व्यापार के लिए नई संभावनाएं खोलेगा. यह भारत को ड्रोन हब बनाने के लिए इनोवेशन, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में देश की ताकत का लाभ उठाने में मदद करेगा.

अगर यह ड्रोन 120 मीटर की ऊंचाई पर उड़ेंगे तो यह ग्रीन जोन माना जाएगा, लेकिन इससे नीचे उड़ने पर उसके मालिक को विस्तृत ब्यौरा देना पड़ेगा. 120 मीटर की ऊंचाई के नीचे येलो जोन रहेगा. इसमें ड्रोन उड़ाने के लिए व्‍यक्ति को संबंधित एजेंसी से अनुमति लेनी होगी. रक्षा संस्थानों के ड्रोन को इन नियमों से छूट रहेगी. ड्रोन उड़ाते समय सारे सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ेगा.

साथ ही ड्रोन के भीतर एक जियो फेंसिंग कैपेसिटी होनी चाहिए. डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर अगर रजिस्टर नहीं है तो ड्रोन उड़ाने की इजाजत नहीं होगी. ड्रोन बनने के बाद या फिर इंपोर्ट करने के बाद 30 दिन के भीतर ही उसका रजिस्ट्रेशन डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के अंतर्गत होना चाहिए और यूनिक नंबर ले लेना होगा. अगर ड्रोन खराब हो गया हो तो तुरंत मालिक को डी-रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू करनी होगी. ड्रोन में रियलटाइम ट्रैकिंग डिवाइस होनी चाहिए.

ड्रोन को उड़ाने के लिए 3 जोन बनाए गए हैं. इनमें रेड जोन, येलो जोन और ग्रीन जोन हैं. रेड और येलो जोन में उड़ाने के लिए परमिशन चाहिए होगी. किसी को नुकसान पहुंचाने की नियत से ड्रोन को उड़ाने की बिल्कुल इजाजत नहीं होगी. ड्रोन में किसी भी तरीके के हथियार एक्सप्लोसिव या फिर खतरनाक वस्तुओं का रखना पूरी तरीके से प्रतिबंधित रहेगा. ड्रोन के इस्तेमाल से पहले ड्रोन की टेस्टिंग भी होनी चाहिए और साथ ही उसके मालिक को भी एक वैध लाइसेंस प्राप्त करना होगा. सरकार ने एक विशेष फार्म जारी किया है, जिसके जरिए ड्रोन से जुड़ा आवेदन कर सकते हैं.

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