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तालिबान की नई सरकार में 37 करोड़ रुपये का इनामी मोस्ट वॉन्टेड बना गृहमंत्री

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नई दिल्ली. अफगानिस्तान पर अब पूरी तरह से तालिबान का कब्जा हो गया है. अब केवल यहां तालिबान का ही शासन चल रहा है. ऐसे में उसकी सरकार में आतंकियों को ही जगह मिलेगी. इसमें मोस्ट वॉन्टेड होम मिनिस्टर सिराजुद्दीन हक्कानी का नाम भी शामिल हो गया है. इस आतंकी पर अमेरिका ने 50 लाख डॉलर (इंडियन करेंसी के मुताबिक करीब 37 करोड़ रुपये) का इनाम घोषित कर रखा है. दरअसल, सिराजुद्दीन और उसके पिता ने 2008 में काबुल के भारतीय दूतावास पर भी हमला कराया था.

दरअसल, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में खूंखार आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्री बनाया गया है. बताया जा रहा है कि हक्कानी पहले रक्षा मंत्री के पद के लिए अड़ा हुआ था. अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद अब आतंकियों के नाम सामने निकलकर आने लगे हैं. ऐसे में अब अन्य देशों की चिंता और बढ़ रही है. इसमें सबसे पहला नाम सिराजुद्दीन हक्कानी का है, जिसने काबुल के भारतीय दूतावास पर हमला कराया था. इस हमले के दौरान 58 लोगों की जान चली गई थी. इसके बाद 2011 में अमेरिका के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ रहे जनरल माइक मुलेन ने हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का दायां हाथ और एजेंट बताया था.

हक्कानी समूह पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर तालिबान की वित्तीय और सैन्य संपत्ति की देखरेख करता है. हक्कानी ने ही अफगानिस्तान में आत्मघाती हमलों की शुरुआत की थी. इसे कई हाई-प्रोफाइल हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है. माना जाता है कि सिराजुद्दीन हक्कानी की उम्र 45 से 50 के बीच में है, जो कई अज्ञात ठिकानों से अपने नेटवर्क को संचालित करता है.

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