नई दिल्ली. करनाल में किसानों और सरकार के बीच गतिरोध खत्म हो गया है. दोनों पक्षों ने मिलकर समाधान निकाल लिया है. सूत्रों के अनुसार साढ़े 9 बजे किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी और करनाल डीसी निशांत यादव संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे. लेकिन ताजा जानाकारी के अनुसार प्रेस कॉन्फ्रेंस थोड़ी देर में होगी. किसान नेता समझौते का ऐलान करने से पहले संयुक्त किसान मोर्चे के अन्य नेताओं के करनाल पहुंचने का इंतज़ार कर रहे हैं. बारिश और जाम के कारण कुछ नेता रास्ते में फंसे हैं.
28 अगस्त को पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ किसानों ने मंगलवार को करनाल में जिला मुख्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया था. किसानों की मुख्य मांग तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा को निलंबित करना है, जो कथित तौर पर पुलिसकर्मियों से यह कहते हुए सुने गए थे कि अगर वे सीमा पार करते हैं तो किसानों का सिर फोड़ दें. किसानों ने यह भी दावा किया था कि 28 अगस्त की हिंसा के बाद एक किसान की मौत हो गई, हालांकि प्रशासन ने इस आरोप को खारिज कर दिया है.
वहीं शुक्रवार को चार घंटे हुई बारिश में 13 किसान नेताओं के साथ 1 वकील भी शामिल हुआ था. इससे पहले आंदोलनकारी किसानों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया था. हरियाणा के किसान नेता जगदीप सिंह औलख ने कहा था कि करनाल में धरने वाली जगह पर 11 सितंबर को बैठक होगी. इसी बैठक में आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया जाएगा.
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