Thursday , April 18 2024
Breaking News

वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा-अर्थव्यवस्था पुनरूत्थान के रास्ते पर, प्रत्यक्ष कर संग्रह 74% बढ़कर हुआ 5.70 लाख करोड़ रुपये

Share this

नई दिल्ली. चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल से 22 सितंबर के बीच शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 74.4 प्रतिशत बढ़कर 5.70 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कर रिफंड के समायोजन के बाद शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 5,70,568 करोड़ रुपये रहा. इसमें कंपनी कर 3.02 लाख करोड़ रुपये और व्यक्तिगत आयकर 2.67 लाख करोड़ रुपये शामिल है. वित्त वर्ष 2021-22 में शुद्ध कर संग्रह एक अप्रैल से 22 सितंबर) 2019-20 की इसी अवधि के मुकाबले 27 प्रतिशत बढ़ा. उस समय शुद्ध संग्रह 4.48 लाख करोड़ रुपये था. पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल-22 सितंबर) इसी अवधि में शुद्ध कर संग्रह 3.27 लाख करोड़ रुपये रहा था.

सकल कर संग्रह 2021-22 की आलोच्य अवधि में 47 प्रतिशत बढ़कर 6.45 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2020-21 में 4.39 लाख करोड़ रुपये था. वहीं 2019-20 अप्रैल-22 सितंबर) के 5.53 लाख करोड़ रुपये सकल संग्रह के मुकाबले यह 16.75 प्रतिशत अधिक है. सकल कंपनी कर संग्रह 3.58 लाख करोड़ रुपये तथा व्यक्तिगत आयकर संग्रह 2.86 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा. चालू वित्त वर्ष में अब तक 75,111 करोड़ रुपये करदाताओं को रिफंड किया गया.

अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ पुनरूत्थान के रास्ते पर

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था सतत रूप से पुनरूद्धार के रास्ते पर है. उन्होंने कहा कि जीएसटी और प्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि इसका संकेत है. सीतारमण ने यह भी कहा कि भारतीय शेयर बाजार को लेकर भरोसा बढ़ा है क्योंकि खुदरा और छोटे निवेशक उत्सुकता के साथ शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं पुनरूद्धार के संकेत साफ देख रही हूं. ये संकेत अच्छे हैं. अगर ऐसा नहीं होता तो जीएसटी माल एवं सेवा कर) तथा प्रत्यक्ष कराधान मामले में राजस्व संग्रह उस स्तर पर नहीं रहता, जो आज है.

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रत्यक्ष कर के मामले में छमाही लक्ष्य पहले ही प्राप्त किए जा चुके हैं. जीएसटी संग्रह औसतन हर महीने 1.11-1.12 लाख करोड़ रुपये के दायरे में है. संभवत: यह कहा जा सकता है कि यह 1.15 लाख करोड़ रुपये प्रति महीने के दायरे में है. ये छोटे संकेत नहीं हैं और न ही कोई छिटपुट संकेत हैं. ये स्पष्ट रूप से दशार्तें हैं कि अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार के रास्ते पर मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है.

Share this
Translate »