नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर एनआईसी से कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट और भेजे जाने वाले मेल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर और नारों को हटाया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक ई-मेल में सबका साथ, सबका विकास के नारे के साथ प्रधानमंत्री की तस्वीर पर कथित विवाद को समाप्त करने के लिए कहा है.
एनआईसी ने अनजाने में हुई गलती
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सबका साथ और सबका विकास नारा और और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो अनजाने में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा लगाई गई थी. आपको बता दें कि एनआईसी सुप्रीम कोर्ट को ई-मेल सेवा प्रदान करता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनजाने में हुई गलती को लेकर कुछ लोगों ने विवाद पैदा करने की कोशिश की है.
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि शुक्रवार देर शाम सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के संज्ञान में लाया गया कि शीर्ष कोर्ट के आधिकारिक ई-मेल में सबसे नीचे एक तस्वीर है, जिसका न्यायपालिका के कामकाज से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ई-मेल ने उन्हें उस तस्वीर को हटाने का निर्देश दिया था, जिसे एनआईसी ने शीर्ष अदालत की तस्वीर के साथ बदल दिया है. एक अधिकारी ने ई-मेल का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिसमें नारे की जगह कोर्ट की तस्वीर और प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी हुई थी.
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