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केन्द्र सरकार अब बेचेगी सरकारी कंपनियों की जमीन, जल्द बनाएगी नेशनल लैंड मोनेटाइजेशन कॉरपोरेशन

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नई दिल्ली. केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की जमीन और नॉन-कोर असेट्स के मोनेटाइजेशन को तेजी से ट्रैक करने के लिए सरकार जल्द ही सार्वजनिक उद्यम विभाग के तहत नेशनल लैंड मोनेटाइजेशन कॉरपोरेशन (एनएलएमसी) का गठन कर सकती है. एनएलएमसी 100 फीसदी सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी होगी. इसकी शुरुआती अधिकृत शेयर पूंजी 5,000 करोड़ रुपये और सब्सक्राइब्ड शेयर कैपिटल 150 करोड़ रुपये होगी. यह कंपनी एक बोर्ड द्वारा शासित होगी, जिसमें संबंधित मंत्रालयों के सचिव, रियल एस्टेट क्षेत्र के प्रतिनिधि और निवेश बैंकर शामिल होंगे.

एनएमएलसी के गठन से क्या होगा फायदा?

एनएमएलसी की अध्यक्षता एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी करेगा, जो इसके रोजाना के काम का प्रबंधन करेगा. सूत्रों के मुताबिक, लैंड मोनेटाइजेशन पर एनएमएलसी का गठन जल्द हो सकता है. इससे बीईएमएल, एससीआई, एमटीएनएल समेत दर्जनों सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की जमीन बेचने की प्रक्रिया में तेजी आएगी. एक सूत्र के मुताबिक, इसके लिए एक कैबिनेट नोट तैयार किया गया है. इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी मिलने की उम्मीद की जा रही है.

कैसे काम करेगी एनएमएलसी?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021-2022 के भाषण में एनएमएलसी के गठन के लिए विशेष प्रयोजन करने प्रस्ताव रखा था. अब तक सीपीएसई ने मोनेटाइजेशन के लिए करीब 3,500 एकड़ भूमि और अन्य नॉन कोर असेट्स को चिह्नित किया है. सीपीएसई की बंद होने वाली ऐसी संपत्तियां इस निगम को ट्रांसफर कर दी जाएंगी. इसके बाद यह एनएलएमसी पर निर्भर होगा कि वह संपत्ति को लीज पर दे, किराए पर दे या बेच दे. कॉरपोरेशन वाणिज्यिक या आवासीय उद्देश्यों के लिए संपत्ति का निवेश और विकास भी कर सकती है. इसके अलावा किराये पर देकर या बिक्री करके पैसे जुटा सकती है. इसके अलावा उन सरकारी संस्थाओं को बेचकर पैसे जुटाने की प्रक्रिया के लिए सलाहकार सेवाएं भी देगी, जिनके पास अतिरिक्त भूमि और नॉर-कोर असेट्स हैं.

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