Thursday , October 31 2024
Breaking News

क्या है ब्लैडर का कैंसर? जानें इसके लक्षण और उपचार

Share this

ब्लैडर के कैंसर से सालाना करीब साढ़े चार लाख लोग जान गवां देते हैं. 2020 में करीब 18 हज़ार भारतीय इसकी चपेट में आए और 1.3 प्रतिशत लोगों की इस कैंसर से जान चली गई. समय पर अगर इसका इलाज नहीं होता है तो यह कैंसर मौत का कारण भी बन सकता है. यह कैंसर तब शुरू होता है जब मूत्राशय की परत की  (यूरोथेलियल कोशिकाएं) कोशिकाएं असामान्य रूप से और नियंत्रण से बाहर होने लगती हैं.

कोशिकाएं तेज़ी से बढ़ती हैं,और कैंसर मूत्राशय की मांसपेशियों में गहराई तक चला जाता है. फिर शरीर के विभिन्न भागों में फैल सकता है. यूरोटेलियल कोशिकाएं गुर्दे और यूट्रेस की अंदरूनी परत में भी मौजूद होती हैं. फिर इनका यहां जाने भी खतरा रहता है.

तीन तरह के होते हैं ब्लैडर कैंसर  

यूरोटेलियल कार्सिनोमा

स्क्वॉमस सेल (त्वचा कोशिकाओं) कार्सिनोमा

एडेनोकोर्सिनोमा

पहचानिए लक्ष्ण

आमतौर पर इस कैंसर के लक्षण में पेशाब में खून आता है. कई बार खून के कण बहुत बारीक होते हैं तो उनको माइक्रोस्कोप से भी देखा जाता है. बार बार पेशाब जाना पड़ता है और दर्द होता है. इसके साथ ही पेट और कमर के निचले हिस्से में दर्द भी होता है.

किसको है ज्यादा खतरा

महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में ये कैंसर अधिक होता है. इसके कई कारण हो सकते हैं धूम्रपान, ब्लैडर में सूजन, अनुवांशिकता और उम्र ज्यादा होना. इसके अलावा जिनके परिवार में प्रोस्टेट और ब्लैडर कैंसर रह चुका है. उन्हें यह होने का खतरा अधिक रहता है.

कैसे होता है इलाज़

इसका इलाज़ बीमारी की अवस्था पर निर्भर करता है. सबसे पहले एंडोस्कोपी और सीटी स्कैन के ज़रिए पता किया जाता है कि कैंसर का स्टेज़ क्या है. उसी के अनुसार इलाज़ किया जाता है.

ऐसे करें बचाव

इस बीमारी से बचने के लिए ढेर सारा पानी पिएं. इससे शरीर के विषैले तत्व पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाते हैं. खाने में तरह तरह के फल और सब्जियों को शामिल करें.

Share this
Translate »