नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने सेक्रेटरी जनरल को पत्र लिखकर धमकी भरी कॉल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. पत्र में दावा किया गया है कि ये कॉल कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस द्वारा किए गए. सिख फॉर जस्टिस ने खुद को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के लिए जिम्मेदार बताया है.
SCAORA के सचिव जोसेफ अरस्तु एस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों के पास 10 जनवरी को सुबह करीब 10 बजकर 40 मिनट और दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर पहले से रिकॉर्ड किए गए कॉल प्राप्त हुए. उन्होंने कहा कि 5 जनवरी को पंजाब की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा उल्लंघन की जिम्मेदारी संयुक्त राज्य अमेरिका से सिख फॉर जस्टिस ने ली है और उसका कहना है कि SFJ पंजाब में हुसैनीवाला फ्लाईओवर पर पीएम मोदी के काफिले को रोकने के लिए जिम्मेदार है. रिकॉर्ड किए गए संदेश में कहा गया है कि 1984 के दंगों के दौरान सिख समुदाय के सदस्यों की हत्याओं के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने पर्याप्त न्याय नहीं किया.
सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने दावा किया है कि उनके मोबाइल फोन पर अंतर्राष्ट्रीय नंबर से एक रिकॉर्डेड संदेश प्राप्त हुआ है, जिसमें कथित तौर पर शीर्ष अदालत में सुरक्षा के मुद्दे को उठाकर मोदी शासन को मदद नहीं करने की अपील की गई है. वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की है.
वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने एक ट्वीट में कहा, सिख फॉर जस्टिस USA द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड को भेजे गए ऑडियो को सावधानीपूर्वक लेना चाहिए. यह हरकत प्रचार से प्रेरित या दोषियों का बचाव करने के लिए एक धोखा हो सकती है. बावजूद इसके, यह सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों/ एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के लिए परोक्ष खतरा उत्पन्न करने वाला लगता है, इसलिए तत्काल इस मामले की NIA से जांच करवाई जानी चाहिए.
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