नई दिल्ली. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर सीट से विधायक मोहम्मद आजम खां की जमानत पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से फैसला न आने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से पूछा है कि 87 मे से 86 मामलों में आजम खां को जमानत मिल चुकी है, सिर्फ एक मामले के लिए इतना लंबा वक्त क्यों लग रहा है?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 137 दिन बाद भी फैसला क्यों नहीं हो पाया है? यह न्याय का माखौल उड़ाना है. शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट इस मामले में फैसला नहीं करता तो हमें मजबूरन दखल देना पड़ेगा. सुप्रीम कोटज़् इस मसले में 11 मई को फिर सुनवाई करेगा. अदालत ने इस मामले में 11 मई को अगली सुनवाई करेगी. आपको बता दें कि मोहम्मद आजम खां बीते दो वषोज़्ं से सीतापुर जेल में बंद हैं
इससे पहले 5 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट में शत्रु संपत्ति के मामले में आजम खां की जमानत को लेकर 3 घंटे तक बहस हुई. दोपहर बाद 3.50 से शाम 6.42 तक चली बहस में दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया. रामपुर के अजीमनगर थाने में आजम खांन पर फर्जी वक्फ बनाने व शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जा कर बाउंड्रीवॉल खड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज है.
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