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बेगम हामिदा हबीबुल्लाह:लखनऊ की एक खा़स शख़्सियत, आज हुई दुनिया से रूख़सत

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लखनऊ। नजा़कत और नफासत के शहर की जान और शान रहीं बेगम हामिदा हबीबुल्लाह का आज यहां निधन हो गया है। उनकी उम्र 102 वर्ष की थी। उन्होंने लखनऊ के कमांड अस्पताल में मंगलवार की सुबह अंतिम सांस ली। पूर्व मंत्री और राज्यसभा सांसद बेगम हामिदा हबीबुल्लाह का अंतिम संस्कार आज उनके पैतृक जिला बाराबंकी के गांव सैदनपुर में किया जाएगा।

गौरतलब है कि सांसद और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुकीं बेगम ‘सेवा चिकनकारी’ की प्रमुख थी। इन सबसे बढ़कर वह प्रगतिशील भारतीय मुस्लिम महिला का एक प्रभावी चेहरा थी और लखनऊ की एक खास शख्सियत भी। उनके निधन की खबर मिलते ही उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है।

ज्ञात हो कि बेगम हामिदा हबीबुल्लाह का जन्म 20 नवंबर 1916 को हैदराबाद उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रहे नवाब नजीर यार जंग बहादुर के यहां हुआ था। बेगम हामिदा हबीबुल्लाह उत्तर प्रदेश में सामाजिक कार्य में काफी आगे रहती थीं।

वहीं बेगम हामिदा को अवध की विरासत तथा कला को विश्व स्तर पर पहुंचाने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। हबीबुल्लाह का विवाह मेजर जनरल इनायत हबीबुल्लाह के साथ हुआ था। हामिदा के पति मेजर जनरल इनायत ने पुणे के खडगवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की नींव रखी थी।

हालांकि हामिदा ने पति के सेना से सेवानिवृत्ति के बाद 1965 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा। बेगम हामिदा हैदरगढ़ (बाराबंकी) से विधायक चुनी गईं। इसके बाद प्रदेश की कांग्रेस सरकार में 1971-73 से सामाजिक और हरिजन कल्याण मंत्री, नागरिक रक्षा मंत्री थीं, उनको 1974 में प्रदेश का पर्यटन मंत्री भी बनाया गया था। हमीदा 1976 से 1982 तक राज्यसभा की सदस्य भी रहीं।

इसके बाद वह 1980 तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति (यूपीसीसी) की कार्यकारी समिति के सदस्य थीं। इससे पहले 1969 से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के निर्वाचित सदस्य थीं। उन्होंने लखनऊ से लोकसभा का चुनाव भी लड़ी था।

 

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