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चैत्र नवरात्रि में माता के नौ स्वरूप, बदल सकते है आपके जीवन का रूप

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चैत्र नवरात्रि 2018 इस बार 18 मार्च से शुरूआत होकर ये 25 मार्च तक चलेंगी। चैत्र नवरात्रि को आत्‍मा की शुध्दी और मुक्‍त‍ि का आधार को माना जाता है। ये माना जाता है कि चैत्र में नवरात्रि में उपवास और पूजा करने पर घर से सारी नाकारात्मकता गतिविधियां दूर होती है और वातावरण में साकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
नौ दिनों होती है मां दुर्गा के इन नौ रूपों की पूजा
 चैत्र नवरात्रि 1 दिन : 18 मार्च 2018 (रविवार) : मां शैलपुत्री पूजा।
 चैत्र नवरात्रि 2 दिन : 19 मार्च 2018 (सोमवार) : मां ब्रह्मचारिणी पूजा।
 चैत्र नवरात्रि 3 दिन : 20 मार्च 2018 (मंगलवार) : मां चन्द्रघंटा पूजा।
 चैत्र नवरात्रि 4 दिन : 21 मार्च, 2018 (बुधवार) : मां कूष्मांडा पूजा।
 चैत्र नवरात्रि 5 दिन : 22 मार्च 2018 (गुरुवार) : मां स्कंदमाता पूजा।
 चैत्र नवरात्रि 6 दिन: 23 मार्च 2018 (शुक्रवार) : मां कात्यायनी पूजा।
 चैत्र नवरात्रि 7 दिन: 24 मार्च 2018 (शनिवार) : मां कालरात्रि पूजा।
 चैत्र नवरात्रि 8 दिन : 25 मार्च 2018 (रविवार) : मां महागौरी।
 चैत्र नवरात्रि 8 दिन(रामनवमी) : 25 मार्च 2018 (रविवार) : मां सिद्धिदात्री।
 चैत्र नवरात्रि 9 दिन दशमी, नवरात्रि पारणा, 26 मार्च 2018 (सोमवार)।
चैत्र नवरात्रि का महत्व 
हिंदू धर्म में नवरात्र एक प्रमुख त्योहार के तौर पर मनाया जाता है। इस दौरान 9 दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। एक साल में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में कुल मिलाकर चार बार नवरात्र आते हैं लेकिन चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक पड़ने वाले नवरात्र काफी लोकप्रिय हैं।
 इस साल चैत्र नवरात्र 18 मार्च से शुरू हो रहे हैं। नवरात्र 18 मार्च से शुरू होकर 25 मार्च तक रहेंगे। 26 मार्च को कन्या को भोजन करवाकर व्रत को खोला जाता हैं।
ऐसे समय में मां दुर्गा की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती और दुखो की निवार्ण होता हैं।
चैत्र नवरात्रि कुछ जानी अनजानी बातें 
– ज्‍योतिषीयों के अनुसार चैत्र नवरात्रि में सूर्य का राशि परिवर्तन होता है।
– सूर्य 12 राशियों का चक्र पूरा कर दोबारा मेष राशि में प्रवेश करते हैं और फिर एक नये चक्र की शुरुआत करते हैं।
– चैत्र नवरात्रि से ही हिन्दु नव वर्ष का आरंभ होता है।
– वित्तीय लिहाज से देखा जाए तो फाइनेंशियल ईयर भी अमूमन चैत्र नवरात्रि के दौरान ही शुरू होता है।
चैत्र नवरात्रि शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए भी लाभकारी
 चैत्र नवरात्रि में वैज्ञानिक महत्‍व पर गौर करें तो यह समय मौसम परिवर्तन का होता है, इसलिए मानसिक सेहत पर इसका खासा प्रभाव देखने को मिलता है। इस समय में अक्सर लोगों के बीमार पड़ने की आशंका रहती है ऐसे में का व्रत करना शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए लाभकारी हो सकता है।
 इस प्रकार करें कलश की स्थापना 
नवरात्रि आते ही घरों में साफ सफाई से होती है। आपको अपने घर के जिस स्थान पर आप कलश स्‍थापना करनी है घर के उस स्‍थान को अच्‍छी तरह साफ कर लें। जो गांव में मिट्टी के घर होते है वे अपने घर को गाय के गोबर से लीपकर पवित्र करते है।
 लेकिन यदि आप शहर में है तो कलश स्‍थापना के स्थान को धुलने के बाद गंगाजल छिड़ककर उस स्थान को पवित्र कर सकते हैं। ध्यान रहे कि कलश स्थापना और पूजा के उपयोग में आने वाले बर्तन जूठे न हों। स्‍थान को स्वच्छ और पवित्र करने के बाद एक लकड़ी का पटरा रखकर उस पर नया लाल कपड़ा बिछाएं। इसके साथ एक मिट्टी के बर्तन में जौ बो दें। इसी बर्तन के बीच में जल से भरा हुआ कलश रखें।
 ध्यान रखें कि कलश का मुख खुला ना छोड़ें, उसे ढक्‍कन से ढक दें और कलश पर रखे ढक्कन पर चावल या गेंहूं से भर दें। इसके बाद उस पर नारियल रखें। इसके बाद कलश के पास दीपक जलाएं। आपका कलश मिट्टी या किसी अन्य धातु से बना हो सकता हैं।
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