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जिस जीत की चाह में की थी चालाकी, उसी चाह में गए सब हार और रहा कुछ भी नही बाकी

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सिडनी। अनजानें में जो हो वो तो है वाकई गलती जो जिन्दगी में अक्सर साथ है चलती लेकिन जो जानबूझ कर की जाये वो होती है चालाकी न कि गलती जो कि जिन्दगी को है छलती। इसलिए हर किसी को इससे दूर ही रहना चाहिए क्योंकि जो इसके सहारे जीत हासिल करना चाहता है वह एक दिन बहुत पछताता है जिसका ताजा उदाहरण हम सभी बॉल टैम्परिंग मामले में देख ही रहे हैं। इस मामले में चंद लोगों की वजह से जहां पूरे एक देश को शर्मिनन्दगी का सामना करना पड़ा वहीं उन चंद लोगों की भी दशा इस हकीकत को बयान करने के लिए काफी है।

गौरतलब है कि अब बॉल टैम्परिंग मामले में दोषी पाए जाने के बाद एक साल बैन झेल रहे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व उप कप्तान डेविड वॉर्नर ने शनिवार को सार्वजनिक माफी मांगी। वॉर्नर ने रोते हुए कहा कि, मैं बॉल टैंपरिंग की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। वॉर्नर ने कहा कि, “टीम के साथियों और सहायक कर्मचारियों से माफी मांगता हूं और केपटाउन टेस्ट के तीसरे दिन जो भी कुछ मैदान पर घटा, उसके लिए मैं पूरी तरह जिम्मेदार हूं।”

इतना ही नही वॉर्नर को डर है कि, अब वो दोबारा कभी ऑस्ट्रेलिया के लिए नहीं खेल पाएंगे। उन्हें सारी संभावनाएं खत्म होती दिख रही हैं। वॉर्नर ने कहा, “मैंने अपने फैंस को नीचा दिखाया है और मेरी कोशिश होगी कि मुझे फैंस ने आज जो इज्जत, प्यार दिया है, उसका कुछ हिस्सा मैं उन्हें वापस कर सकूं और उनका सम्मान फिर से पा सकूं।”

हांलाकि भावुक वॉर्नर ने मीडिया से बात करते हुए इस सवाल का जवाब नहीं दिया, जिसमें उनसे पूछा गया था कि बॉल टैम्परिंग के बारे में किसे पता था और क्या इससे पहले भी टीम ने ऐसा कुछ किया है। इस पर वॉर्नर ने कहा कि, मैं क्रिकेट के जरिए देश का सम्मान बढ़ाना चाहता हूं। ऐसा करने की कोशिश में मैंने जो फैसला लिया उसका उलटा असर पड़ा, जिसे मैं जिंदगी भर नहीं भूल पाऊंगा।

ज्ञात हो कि बॉल टैंपरिंग की घटना के बाद स्टीम स्मिथ और वॉर्नर पर एक साल का बैन लगाया गया है। इसके अलावा केमरन बेनक्रॉफ्ट पर भी 9 महीने का प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं वॉर्नर के लिए ये बैन इसलिए भी बड़ा है, क्योंकि अब वो भविष्य में कभी भी ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान नहीं बन पाएंगे। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड इसे साफ कर चुका है।

 

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