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आरोप लगाने में कसर नही छोड़ी, अब उदित राज ने भी चुप्पी तोड़ी

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नई दिल्‍ली। भाजपा से खफा होने वाले दलित सांसदों की फेहरिस्त में अब एक और नाम जुड़ गया है क्यों कि अचानक ही माहौल और मौके की नजाकत को देखते हुए भारत बंद के तकरीबन  पांच दिन बाद भाजपा सांसद उदित राज ने अपनी चुप्‍पी तोड़ी है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि भारत बंद के दौरान प्रदर्शन के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में दलित समुदाय के सदस्यों को प्रताड़ित किया जा रहा है। इतना ही नही इस बाबत उदित राज ने कई ट्वीट किए हैं।

ज्ञात हो कि उदित राज ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत बंद के समय हुए आंदोलन में हिस्सा लेने वाले प्रदर्शनकारियों के ऊपर अत्याचार की सूचनाएं मिल रही हैं। उन्‍होंने कहा यह चिंताजनक है। दलित सांसद ने कहा यह तत्काल रुकना चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि 2 अप्रैल के बाद दलितों को देशभर में प्रताड़ित किया जा रहा है। उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश और राजस्‍थान के कई जिलों से इस तरह की शिकायते आई हैं। उदित राज ने बाकायदा उन जिलों का उल्‍लेख करते हुए कहा कि मेरठ, बुलंदशहर, बाड़मेर, जालौर, जयपुर, ग्वालियर, करौली में ये प्रमुख जिले हैं।

गौरतलब है कि उदित राज उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद हैं। उन्‍होंने कहा कि ग्वालियर में उनके द्वारा चलाए जा रहे दलित संगठन के एक कार्यकर्ता को प्रताड़ित किया गया है। उन्‍होंने कहा कि वह पूरी तरह से निर्दोष है। उसने कुछ भी गलत नहीं किया है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा कथित बदलाव के विरोध में दलित संगठनों के बुलाए गए भारत बंद के दौरान दौरान हुए हिंसक प्रदर्शन में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। उत्तर प्रदेश के मेरठ में कथित तौर पर दलित प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टोरेट पर तोड़फोड़ की थी।

बेहद ही गंभीर और अहम बात यह है कि पिछले दिनों कई दलित सांसदों ने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र  लिखकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं। जिसके तहत सावित्रीबाई फुले, छोटे लाल, इटावा के सांसद अशोक कुमार, नगिना के यशवंत सिंह दलितों के मसले पर राज्य और केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठा चुके हैं। वहीं भाजपा के सांसद छोटेलाल ने कहा कि उनके साथ मारपीट की गई

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