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डीपीआईएल की 1,122 करोड़ रुपये की संपत्ति ED ने जब्त की

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नई दिल्ली। इडी ने बैंक धोखा धड़ी के एक मामले में कारवाई करते हुए एक कंपनी की करोड़ों की संपत्ति जब्त की है। इस बाबत ईडी ने आज कहा कि उसने बैंक धोखाधड़ी के एक मामले में धन शोधन की जांच के संबंध में वडोदरा स्थित कंपनी डीपीआईएल प्राइवेट लिमिटेड की विंड मिल्स और एक निर्माणाधीन होटल समेत 1,122 करोड़ रुपये तक की संपत्ति कुर्क की है। डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआईएल) विभिन्न बैंकों से 2,654 करोड़ रुपये तक की धोखाधड़ी की आरोपी है।

दरअसल केंद्रीय जांच एजेंसी ने सीबीआई की प्राथमिकी पर संज्ञान लेने के बाद धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कंपनी और उसके प्रोमोटरों के खिलाफ आपराधिक मामला दायर किया था और पिछले महीने उसके परिसरों की तलाशी ली थी।

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि डीपीआईएल और उससे संबंधित कंपनियों जैसे कि डायमंड पावर ट्रांसफॉर्मर लिमिटेड, डायमंड प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, मेफेयर लेजर्स और नॉर्थवे स्पेसिस की अस्थायी आदेश के तौर पर संपत्ति कुर्क कर ली है।

ईडी ने कहा कि संपत्तियों में संयंत्र, मशीनरी, इमारत और जमीन, भुज में तीन विंडमिल्स, भटनागर परिवार के आवासीय बंगले/फ्लैट, बिना बिके हुए फ्लैट्स, निर्माणाधीन होटल और अन्य जमीन शामिल हैं। डीपीआईएल की ये सभी संपत्तियां वडोदरा में है।

एजेंसी ने कहा कि डीपीआईएल ने अपनी संबंधित संस्थाओं के जरिए धोखाधड़ी कर के 261 करोड़ रुपये तक की निधि हासिल की। उसने बैंकों से लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) की सुविधा को तोड़ मरोड़कर यह निधि हासिल की।

ईडी ने कहा कि कंपनी ने कर्ज / नकद के रूप में हासिल बड़ी निधि को नॉर्थवे स्पेसिस और मेफेयर लेजर्स जैसी रियल एस्टेट कंपनियों में भी लगाया। उसने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि डायमंड समूह की कंपनियों की वास्तविक व्यापारिक गतिविधि बहुत कम रही और रिकॉर्डों में दिखाया गया ज्यादातर व्यापार ऐसे फर्जी लेनदेन से किया गया और इससे बैंकों के साथ 2654.40 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।

ईडी इस बात की जांच कर रहा है कि क्या ये कर्ज गैरकानूनी संपत्तियां और काला धन बनाने में इस्तेमाल किया गया। सीबीआई ने कहा था कि बिजली की केबल और उपकरण बनाने वाली डीपीआईएल को एस एन भटनागर और उनके बेटे अमित भटनागर और सुमित भटनागर प्रोमोट करते हैं जो इस कंपनी के कार्यकारी अधिकारी भी हैं।

 

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