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आसाराम को उम्र कैद, दो अन्य को 20-20 साल की सजा

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जोधपुर। आसाराम रेप केस पर आज जोधपुर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आसाराम सहित 3 लोगों को दोषी पाया है। जज मधुसूदन शर्मा ने आसाराम को उम्रकैद की सजा सुना दी है। इसके अलावा अन्य दो आरोपी को 20-20 साल की सजा सुनाई है। आसाराम के साथ शरतचंद्र और शिल्पी को भी दोषी पाएगा। शिल्पी आसाराम के लिए लड़कियों का चुनाव करती थी। शरतचंद्र शिल्पी और आसाराम के लिए सारी व्यवस्थाएं करता था। इसके अलावा जज ने दो अन्य आरोपी शिवा और प्रकाश को बरी कर दिया है। इन दोनों ने पीड़ित लड़की को कार में लेकर आने-जाने का काम किया था, लेकिन अपराधिक मानसिकता न होने की वजह से बरी  किया।

गौरतलब है कि सजा का ऐलान होते ही आसाराम कोर्ट परिसर में रोने लगा और निढाल हो गया। वहीं इसी दौरान उसकी तबीयत भी बिगड़ गई। जिसके बाद जेल में एंबुलैंस बुलाई गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आसाराम को सिर दर्द, मितली की शिकायत हुई। वहीं दोषी करार होने पर वकील के कंधों पर हाथ रखते हुए आसाराम ने कहा कि तुम लोग कुछ तो बोलो। आसाराम के पक्ष में 14 वकील खड़े थे लेकिन पीड़ित पक्ष के दो सरकारी वकील उन पर भारी पड़ गए। आसाराम के वकीलों ने जज से उम्र के लिहाज पर सजा सुनाने की भी अपील की।

वहीं दोषी करार होने के बाद आसाराम इस केस में छूटे शिवा का सहारा लेकर करीब डेढ़ घंटे तक कोर्टरूम में खड़ा रहा। इस दौरान आसाराम शिवा से कुछ बाते करते भी नजर आए। कुछ देर बाद आसाराम ने वहां खड़े पुलिसवाले से कहा कि अब जेल में ही रहेंगे और मौज करेंगे। इस बीच पीड़िता के वकील ने कोर्ट में पीड़िता को 1 करोड़ का मुआवजा दिए जाने की मांग वाली याचिका लगाई है। वहीं आसाराम की तरफ से गुरुवार को हाईकोर्ट में इस सजा को सस्पेंड करने के लिए अपील की जाएगी।

ज्ञात हो कि भारतीय दंड संहिता 506 (जान से मारने की धमकी देना), 509/34 (महिला का अपमान), 370A(नाबालिग का अपहरण) और 375C (बलात्कार) और POCSO Act (हाल ही में हुआ बदलाव) सहित 10 धाराओं के तहत आसाराम दोषी करार दिया गया है।  इन प्रावधानों के तहत 3 साल से लेकर 10 तक की सजा है। बलात्कार के मामले में 10 साल की सजा से लकेर उम्रकैद की सजा का प्रावधान है।

आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को गिरफ्तार किया था और तब से वह जोधपुर जेल में बंद है। आसाराम को दोषी ठहराए जाने पर दस साल तक की सजा हो सकती है। लेकिन, बरी होने पर भी रिहाई नहीं होगी, क्योंकि उसके खिलाफ गुजरात में भी दुष्कर्म का केस दर्ज है।

इतना ही नही क्योंकि आसाराम ने धमकाया था, इसलिए पीड़िता ने दिल्ली जाकर 20 अगस्त, 2013 को कमला नगर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। वहां से केस जोधपुर रेफर किया गया था। जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को मध्य प्रदेश के इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में है।

दरअसल नाबालिग से दुष्कर्म का यह मामला मप्र, उप्र व राजस्थान से ज़ुड़ा है। पीड़िता उप्र के शाहजहांपुर की मूल निवासी है। वह मप्र के छिंदवाड़ा के आश्रम में रह कर पढ़ाई कर रही थी। आसाराम पर आरोप है कि उसने पीड़िता को जोधपुर के पास मनाई स्थित अपने आश्रम में बुलाया और 15 अगस्त, 2013 की रात उससे दुष्कर्म किया।

हालांकि फैसले की पूर्व संध्या पर जेल में आसाराम ने कहा- “अब भगवान से ही उम्मीद है, होई है वही जो राम रचि राखा।” मंगलवार को जोधपुर कलेक्टर रविकुमार सुरपुर व पुलिस उपायुक्त अमनदीप सिंह जेल में व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान कलेक्टर ने आसाराम से पूछा- “फैसले को लेकर क्या सोच रहे हो?” इस पर आसाराम ने कहा कि कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वह मंजूर होगा। वह और उनके समर्थक गांधीवादी विचारधारा के हैं और अहिंसा में यकीन रखते हैं।

लेकिन सुरक्षा के लिहाज से और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जोधपुर छावनी में तब्दील हो गया है। पुलिस की छह कंपनियां भेजी गई हैं। शहर में धारा 144 लगा दी गई है। पुलिस होटलों और धर्मशालाओं की सघन चेकिंग कर रही है। राजस्थान में बने आसाराम के आश्रमों को खाली करा लिया गया है।

पिछले साल हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ दुष्कर्म मामले में फैसला आने के बाद पंचकूला में उसके समर्थकों ने हरियाणा व पंजाब में बड़े पैमाने पर हिंसा की थी। इससे सबक लेकर गृह मंत्रालय ने आसाराम के मामले में कोई चूक नहीं करने की ऐहतियाती कार्रवाई शुरू कर दी है। आसाराम के प्रभाव वाले राज्यों को सतर्क कर दिया गया है। इसी कड़ी में राजस्थान, गुजरात व हरियाणा में कड़ी सुरक्षा के निर्देश दिए गए हैं। गृह मंत्रालय तीनों राज्यों के संपर्क में है। केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने इस मुद्दे पर वरिष्ठ प्रशासनिक अफसरों और पुलिस अधिकारियों से बातचीत की है।

वहीं गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कल कहा था कि गृह मंत्रालय ने तीनों राज्यों से सुरक्षा कड़ी करने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि फैसले के बाद किसी भी तरह की हिंसा न हो। तीनों राज्यों को संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात करने को भी कहा गया है। गृह मंत्रालय का यह परामर्श डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद हरियाणा, पंजाब तथा चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के मद्देनजर भेजा गया है।

बेहद गंभीर और अहम बात है कि आसाराम पर गुजरात के सूरत में भी बलात्कार का एक मामला चल रहा है जिसमें उच्चतम न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को पांच सप्ताह के भीतर सुनवायी पूरी करने का निर्देश दिया था। आसाराम ने 12 बार जमानत याचिका दायर की, जिसे छह बार निचली अदालत ने, तीन बार राजस्थान उच्च न्यायालय और तीन बार उच्चतम न्यायालय ने खारिज किया।

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