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रेप केस: वह मदद के लिए चिल्लाती रही पर बच्चों के शोर में आवाज दब जाती रही

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लखनऊ। प्रदेश के दिल्ली से सटी सीमा पर जनपद साहिबाबाद में जिस तरह की नाबालिग से दरिंदगी की घटना सामने आई है उसके तहत  फिर एक बार ये जानना और मानना होगा कि दरिंदे की न कोई जात, न पात, न ही कोई मजहब होता है वह महज दरिंदा होता है। यह बात दीगर है कि उसके कर्मो से समाज बहुत ही शर्मिन्दा होता है। हाल की कठुआ घटना में जो शरीक थे वो महज दरिंदे थे और इस घटना में जो शामिल हैं वो भी महज दरिंदे हैं।

गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश के साहिबाबाद में मदरसे से 22 अप्रैल को 11 साल की नाबालिग को बचाया गया। इस मामले में पीड़ित बच्ची ने सीआरपीसी की धारा- 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करवाया है।  जिसके तहत दिल को दहलाने वाली कई बातें सामने आई हैं।

जैसा कि पीड़िता का कहना है कि 21 अप्रैल को वह अपने घर से दुकान जा रही थी। तभी पड़ोस में रहने वाली एक लड़की ने उसे अपने दोस्त से मिलवाने के लिए बुला लिया। पीड़िता पहली बार उस आरोपी से मिली थी, जो उसे अपने साथ साहिबाबाद ले गया। जहां 17 साल के नाबालिग और मौलवी ने मदरसे में उसका यौन उत्पीड़न किया और उसे कमरे में बंद रखा। वह मदद के लिए चिल्लाती रही लेकिन कमरे के बगल में चल रही क्लास के कारण उसकी चीखें किसी ने नहीं सुनी।

पीड़िता का यह भी आरोप है कि मदरसे के कमरे में कैद रहने के दौरान भी  कुछ दूसरे लोगों ने भी उसे गलत तरीके से छुआ था। पुलिस उनकी भी शिनाख्त करने की कोशिश कर रही है। हालांकि, पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इसके बाद पुलिस ने मदरसे के मौलवी और एक 17 साल के नाबालिग को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। साथ ही पीड़िता की नाबालिग सहेली से भी पूछताछ हो सकती है।

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