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बढ़ते बैंक घोटालों से घबराकर, लोग जमा करने लगे हैं कैश घर पर

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नई दिल्ली। इधर हाल के बैंक घोटालों से जहां वैसे ही बैंकों की हालत खस्ता हो चुकी थी वहीं इन घोटालों से सर्तक होकर लोगों द्वारा एक बार फिर कैश अपने घरों में ही रखे जाने से हाल की कैश किल्लत पैदा हो गई जैसा कि हाल की रिजर्व बैंक की रिपोर्ट बताती है। क्यों कि रिजर्व बैंक का मानना है कि लोग पैसा निकाल तो रहे है लेकिन न तो खर्चा कर रहे हैं न ही बैंक में वापस जमा कर रहे हैं।

गौरतलब है कि हाल ही में देश के कई राज्यों में एटीएम से कैश की किल्लत से जहां आम आदमी को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है वहीं इन खबरों ने रिजर्व बैंक को भी चिंता में डाल दिया है। एटीएम को भरने के लिए रिजर्व बैंक ने नोट छापने का काम तो तेजी से बढ़ा दिया है। लेकिन रिजर्व बैंक द्वारा दी गई जानकारी बेहद गंभीर और चिंतित करने वाली है।

क्योंकि जैसा कि रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि लोग कैश की जमाखोरी फिर करने लगे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक लोग बैंकों से पैसा निकाल तो रहे हैं लेकिन उसे खर्च नहीं कर रहे हैं।लोग बैंकों की बजाए घरों में पैसा रखने को सुरक्षित जरिया मान रहे हैं। आरबीआई द्वारा जारी मात्र अप्रैल माह की ही रिपोर्ट इसकी बानगी है।

अगर हम आरबीआई द्वारा जारी इस रिपोर्ट पर गौर करें तो इसके मुताबिक 20 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में बैंकों से 16,340 करोड़ रुपए निकाले गए। अप्रैल के पहले तीन हफ्तों में कुल 59,520 करोड़ रुपए निकाले गए। जनवरी-मार्च तिमाही में कुल 1.4 लाख करोड़ रुपए निकाले गए जो 2016 की इसी तिमाही से 27 प्रतिशत ज्यादा है। 20 अप्रैल तक करंसी सर्कुलेशन 18.9 लाख करोड़ रुपए है। यह अक्टूबर 2017 से 18.9 प्रतिशत ज्यादा है। पिछले साल अक्टूबर के बाद से करंसी सर्कुलेशन में तेजी आई है।

ज्ञात हो कि बैंको की क्लोसिंग और नये वित्तीय वर्ष की शुरूआत के साथ ही अप्रैल माह के शुरू से ही देश के कुछ प्रमुख राज्‍यों जैसे बिहार, मध्‍य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में एटीएम से नकदी खत्म होने की खबरें आई थीं। इसके बाद तुरंत हरकत में आते हुए आरबीआई ने करेंसी सप्‍लाई बढ़ा दी थी।  लेकिन इसके पीछे के जो कारण उभर कर सामने आये वो वाकई चौंकाने वाले थे।

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