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दोनों ही खेमों में मची जर्बदस्त हलचल, महत्वपूर्ण हुआ अब एक-एक पल

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डेस्क्। कर्नाटक में जारी सियासी घमासान के बीच अब बेहद ही महत्वपूर्ण हो गया है एक-एक पल क्योंकि जैसा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देश दिया गया है उसके हिसाब से येदियुरप्पा को बहुमत साबित करना होगा शनिवार को यानि कल। अगर जानकारों की मानें तो उनके हिसाब से जैसा कि बेहद विश्वास के साथ येदियुरप्पा और भाजपा द्वारा बहुमत साबित कर लेने का दावा किया जा रहा है उससे काफी हद तक जाहिर होता है कि सियासी बिसात पर विरोधियों के लिए शह तो पहले ही हो चुकी है और संभवतः कल हो जायेगी मात। क्योंकि सारा कुछ योजनाबद्ध तरीके से तय हो चुका है लेकिन फिर भी ये सियासत है इसमें कोई किसी का सगा नही है और शायद ही कोई ऐसा हो जिसने मौका पड़ने पर किसी को ठगा नही। बस इस बात की बलिहारी है जिसके चलते ये रात दोनों ही खेमों के लिए भारी है।

गौरतलब है कि कर्नाटक में जारी सियासी घमासान के बीच आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके बी एस येदियुरप्पा कल यानि शनिवार को ही बहुमत सिद्ध किये जाने के निर्देश दिये गए। वहीं इस बाबत मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेंगे और कल विधानसभा का सत्र बुलाकर बहुमत भी साबित करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि फ्लोर टेस्ट के लिए राज्यपाल को फाइल भेजेंगे और कल 11 बजे से सदन का सत्र बुलाने के लिए अपील करेंगे।

हालांकि राज्यपाल के फैसले को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस और जेडीएस द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई को आगे बढ़ाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की दलील को खारिज करते हुए शनिवार को शाम 4 बजे ही फ्लोर टेस्ट करने के आदेश दिए हैं। हालांकि, भाजपा के वकील मुकुल रोहतगी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हमे वक्त चाहिए।

जिस पर गंभीरतापूर्वक विचार करने के बाद कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ नंबर गेम है और जिसके पास बहुमत है उसे सरकार बनाने के लिए बुलाया जाना चाहिए। येदियुरप्पा ने समर्थन का दावा किया है और भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है ऐसे में दो विकल्प हैं, या तो राज्यपाल के फैसले पर बहस हो या फिर शनिवार को ही बहुमत परीक्षण करवाया जाए। वहीं जस्टिस सिकरी ने कहा कि फ्लोर टेस्ट बेहतर विकल्प है।

जबकि कांग्रेस का पक्ष रखते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि येदियुरप्पा के पास समर्थन का पत्र नहीं है, वो सिर्फ मौखिक रूप से यह दावा कर रहे हैं। अगर शनिवार को फ्लोर टेस्ट होता है तो हम उसके लिए तैयार हैं।

वहीं कोर्ट ने जब ये पूछा कि राज्यपाल किस आधार पर एक पार्टी से स्थायी सरकार देने के लिए कहते हैं। इस पर रोहतगी ने कहा कि वर्तमान स्थिति में वो इस पर और कुछ नहीं कहेंगे। लेकिन इतना जरूर कहा कि हमारे पास जानकारी है कि दूसरे दलों के कुछ विधायकों ने लिखित में कोई समर्थन कांग्रेस-जेडीएस को नहीं दिया है।

इतना ही नही कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी को बुलाया। येदियुरप्पा और भाजपा के पास जरूरी नंबर्स उपलब्ध हैं और वो बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं। वहीं कोर्ट ने जब रोहतगी से पूछा कि क्या वो चिट्ठी लेकर आए हैं इस पर रोहतगी ने कोर्ट को हां में जवाब देते हुए चिट्ठी सौंप दी।

जैसा कि भाजपा के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में चिट्ठी पेश करी और कहा कि उनके पास समर्थन है। हॉर्स ट्रेडिंग का कोई मुद्दा नहीं है, यह अलग बात है कि कांग्रेस विधायकों को रिजॉर्ट ले जाया गया है। वो वाकई काबिले गौर है।

ज्ञात हो कि येदियुरप्पा व भाजपा ने जहां बहुमत साबित करने व पूरे पांच साल सरकार चलाने का भरोसा जताया है वहीं कांग्रेस ने येदियुरप्पा को एक दिन का सीएम बताया है। क्योंकि पूर्व में उनके दो कार्यकाल ऐसे रह चुके हैं जिनमें वो अपना कार्यकाल पूरा नही कर सके थे। जिसमें एक कार्यकाल जहां 12 नवंबर 2007 से 19 नवंबर 2007 तक मात्र सात दिन का रहा था। जबकि वहीं 30 मई 2008 से 31 जुलाई 2011 तीन साल 62 दिन का रहा था।

इसके साथ ही बेंगलुरु में डटे केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि कांग्रेस ने जदएस को समर्थन करने का जो पत्र राज्यपाल को सौंपा है, उसमें कई विधायकों के हस्ताक्षर फर्जी हैं। उन्होंने कहा कि यह बात किसी की समझ में नहीं आ रही है कि विधायकों के बेंगलुरु पहुंचने और विधायक दल की बैठक में शामिल होने से पहले ही कैसे उनके हस्ताक्षर ले लिए गए।

वैसे विस में दलीय स्थिति कुछ इस प्रकार है।

कुल सीटें : 224, चुनाव हुए 222, भाजपा 104 (बहुमत से आठ कम),

कांग्रेस 78 + जेडीएस 38, कुल 115(कुमारस्वामी दो सीटों से जीते हैं, इसलिए एक माना जाएगा)-

निर्दलीय – 02

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