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लगातार अनदेखी किये जाने से भड़क कर, देश भर में अन्नदाता उतरा सड़क पर

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किसान आंदोलन का दूसरा दिन

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ राष्ट्रीय किसान महासंघ द्वारा बुलाई गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आज दूसरे दिन भी जोरदार असर बरकरार है। जिसके तहत हालांकि पहले दिन कई जगह किसानों ने सड़क पर दूध बहाया और और सब्जी तथा टमाटर फेंक दिया था। इस बंद के पहले दिन ही लोगों में इसका खास असर देखने को मिला। कुछ जगहों पर दूध और सब्जियों की सप्लाई कम होने से इनकी कीमत में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई।

उल्लेखनीय है कि देश के कई राज्यों में किसानों ने उपज के वाजिब दाम, कर्ज माफी एवं अन्य मांगों को लेकर देश का अन्नदाता सड़कों पर उतर आया है । राष्ट्रीय किसान महासंघ ने केन्द्र सरकार की कथित किसान विरोधी नीतियों के विरोध में देश के 22 राज्यों में 1 जून से 10 जून तक हड़ताल का ऐलान किया है। आंदोलन का असर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में देखने को मिला।

इस सिलसिले में राष्ट्रीय किसान महासंघ के संयोजक शिवकुमार शर्मा ‘कक्काजी’ ने कहा, मध्यप्रदेश सहित देश के 22 राज्यों में देशव्यापी ‘गांव बंद आंदोलन’ से शुरू हो गया है। इस आंदोलन के अंतिम दिन 10 जून को ‘भारत बंद’ का आह्वान पूरे देश के किसान संगठनों द्वारा किया जाएगा। इसमें शहर के व्यापारियों, समस्त प्रतिष्ठानों से निवेदन किया जाएगा कि वे दोपहर 2 बजे तक अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर सहयोग करें।

जिसके तहत जहां यूपी के कई शहरों में किसान सड़क पर उतर आए। अमरोहा में किसानों ने सड़क पर टमाटर फेंक दिया। वहीं संभल में किसानों ने दूध बहाया और टमाटर फेंका।  मुरादाबाद में भारतीय किसान यूनियन ने बिलारी के खनुपुरा में दूध और सब्जियों की आपूर्ति रोक दी।

इसी प्रकार मध्यप्रदेश के किसान आंदोलन के पहले दिन इंदौर में फल-सब्जियों की आवक कम हो गई। लेकिन सब्जियों के पर्याप्त खरीदारों के थोक मंडी नहीं पहुंचने पर इनके भाव आधे रह गए। मंदसौर के किसानों ने किसी भी हालत में सब्जी और दूध को शहर से बाहर भेजने से इनकार कर दिया।  छह जून को मंदसौर में राहुल गांधी रैली को संबोधित करेंगे। झाबुआ में धारा 144 लगा दी गई है। साथ ही प्रशासन ने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

इसी के साथ पंजाब के फरीदकोट में किसानों ने सब्जी, फल और दूध की सप्लाई रोक दी है। किसानों ने सब्जियों के ट्रकों का चक्का जाम कर दिया।  लुधियाना के समराला में किसानों ने दूध से भरा कंटेनर पलट दिया। माछीवाड़ा में किसानों ने दूध की सप्लाई नहीं होने दी और जो भी दूध लेकर जा रहा था उसकी गाड़ी को रोक कर दूध सड़कों पर बहा दिया। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने दावा किया कि हमें इस आंदोल में किसान बंधुओं से बहुत अच्छा समर्थन मिल रहा है। राज्य (पंजाब) में ज्यादातर स्थानों पर किसानों ने शहरों में बिक्री के लिए सब्जियां , दूध और अन्य खाद्य पदार्थों को लाना बंद कर दिया है।

वहीं हरियाणा के फतेहाबाद  में एक व्यापारी सब्जी बेचने के लिए मंडी जा रहा था जिसे किसानों ने बीच रास्ते में रोक कर सब्जियों को सड़क पर फेंक दिया। वहीं जींद में भी भारतीय किसान यूनियन ने एलान किया कि शहर में दूध और सब्जी की सप्लाई नहीं होगी।

जबकि महाराष्ट्र में भी किसानों की हड़ताल का असर देखने को मिला। हड़ताल के कारण दूध और सब्जियों की सप्लाई रोक दी गई है। पुणे के खेडशिवापुर टोल प्लाजा पर किसानों ने 40 हजार लीटर दूध बहा कर विरोध जताया। महाराष्ट्र के कई और शहरों में भी आंदोलन का असर देखने को मिला।

ये हैं किसानों की मांगें

– देश के समस्त किसानों का सम्पूर्ण कर्ज मुक्त करना।
– किसानों को उनकी उपज का डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य मिले।
– अत्यंत लघु किसान, जो अपने उत्पादन विक्रय करने मंडी तक नहीं पहुंच पाते, उनके परिवार के जीवनयापन हेतु उनकी आय सुनिश्चित हो।
– दूध, फल, सब्जियों का लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी समर्थन मूल्य मिले।

कब क्या होगा

– 1 से 4 जून  : गांवों में युवाओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम और पुरानी खेल गतिविधियां।
– 5 जून को किसान धिक्कार दिवस।
– 6 जून को श्रद्धांजलि दिवस।  6 जून को ही राहुल गांधी की मंदसौर में सभा करेंगे। उस दिन हार्दिक पटेल भी उनके साथ होंगे।
– 8 जून को असहयोग दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
– 10 जून को भारत बंद रहेगा।

गौरतलब है कि किसान यूनियन ने यह आंदोलन मध्य प्रदेश के मंदसौर किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर बुलाया है। पिछले साल मंदसौर में 6 जून को पुलिस की गोलीबारी में 6 किसानों की मौत हो गई थी। हालांकि इसको ही देखते हुए मध्यप्रदेश में 1 जून से 10 जून तक प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है और पुलिसकर्मियों  की छुट्टियां रद्द कर दी हैं।

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