लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज विकास की दुहाई देते हुए केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि इनकी बेतुकी नीतियों के कारण विकास में सर्वाधिक अवरोध पैदा हुआ है।
आज जारी एक बयान में अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र हो या राज्य सरकार दोनो ही जनहित की एक भी योजना लागू नहीं कर सकी हैं। योजना के नाम पर सिर्फ बयान, उद्घाटन और विज्ञापनों के ही दर्शन हुए हैं। अब तक भाजपा सरकारो ने सिर्फ एक ही काम किया है कि समाजवादी सरकार के समय की गरीबों, किसानों, महिलाओ, नौजवानों, छात्राओं को लाभ देने वाली योजनाएं या तो बंद कर दी हैं या फिर उनका बजट रोक दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अक्सर कहते हैं कि गति से प्रगति है लेकिन जिस भाजपा सरकार की कोई गति ही नही है उससे प्रगति की आशा कैसे की जा सकती है। विकास गति का दूसरा नाम है लेकिन भाजपा ने तो विकास के हर काम को रोक दिया है। इसलिए देश अंधेरे में है। जैसे बच्चे खेलते-खेलते अचानक (स्टेचू बोलकर) यथास्थिति में एक दूसरे को खड़ा कर देते हैं वही हाल इस सरकार का है। केंद्र सरकार के पांच और राज्य सरकार के दो बजटों के बाबजूद देश की आर्थिक स्थिति बिगड़ गयी है। प्रगति के हर मानक पर देश पिछड़ा हुआ है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि विडंबना है कि भाजपा नेतृत्व ने देश में असहिष्णुता के साथ बदले की भावना का विस्तार कर प्रशासनिक व्यवस्था को छिन्न-भिन्न किया है। विरोध की हर आवाज को कुचला जा रहा है। इलाहाबाद में छात्रों की गिरफ्तारी फर्जी मुकदमे लगाकर की जा रही है। पीसीएस मेन्स 2017 पर भाजपा सरकार की मनमानी की पराकाष्ठा है। विरोध की आवाज को कुचलकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह को फर्जी केस में फंसाकर जेल भेजना अलोकतांत्रिक है।
उन्होने आरोप लगाया कि निर्दोषो का इनकाउटंर हो रहा है। अल्पसंख्यक दहशत में हैं बेकारी से परेशान नौजवानों की जिंदगी अवसादग्रस्त होती जा रही है। किसान आत्महत्या कर रहे है। अब दिलासा दे रहे है कि वे किसानों की आमदनी वर्ष 2022 तक दुगुनी कर देगें। जनता तो सन् 2019 में ही भाजपा का हिसाब किताब बराबर करने को तैयार बैठी है।
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