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जब बढ़ने लगीं दुश्वारियां और भी ज्यादा, तब बदलने लगा भगौड़े माल्या का इरादा

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नई दिल्ली। दुनिया भर में तमाम जिल्लत और दिक्कत उठाने के बाद विजय माल्या को यह बखूबी ऐहसास होने लगा है कि कर्ज तो हर हाल में चुकाना ही पड़ेगा। क्योंकि लगातार जारी कवायद और हो रही सख्ती उन पर भारी पड़ने लगी है। जिसके चलते ही विजय माल्या अपनी मौजूदा संपत्ती को बेचकर सभी सरकारी और गैर-सरकारी बैंकों की देनदारी चुकाना चाहता है।

गौरतलब है कि विजय माल्या ने अपने ऊपर लगे आरोपा को लेकर एक बार फिर से सफाई दी है। माल्या ने कहा कि लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं कि मैंने इस समय ही क्यों बयान दिया । माल्या ने बताया कि मैंने इसलिए इस समय पर ही जवाब दिया क्योंकि UBHL और मैंने इसी महीन की 22 तारीख को कर्नाटक हाई कोर्ट में मौजूदा 13,900 करोड़ रुपये की संपत्ती को लेकर याचिका दायर की है।

इतना ही नही माल्या ने CBI और ED पर हमला करते हुए उन्हें आपराधिक शाखा तक कहा। माल्या ने कहा कि हमने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कोर्ट की मौजूदगी में अपनी संपत्ती को बेचने की इजाजत मांगी है। जिससे की हम अपनी देनदारी चुकता कर सके। माल्या के अनुसार वह अपनी मौजूदा संपत्ती को बेचकर सभी सरकारी और गैर-सरकारी बैंकों की देनदारी चुकाना चाहता है।

इसके साथ ही माल्या ने कहा कि बैंकों के बकाए रुपए की रिकवरी के लिए संपत्ती को बेचने के लिए दबाव साफ तौर पर दिखाता है कि साजिशन मुझे बैंक धोखाधड़ी का पोस्टर बॉय बना दिया है। माल्या ने अपनी सफाई में कहा कि बैंकों से लिए गए कर्ज को चुकाने के लिए मैं हर संभव और सकारात्मक कदम ऊठा रहा हूं। लेकिन अगर राजनिती से प्रेरित ताकते इसमें मुझे रोकने की कोशिश कर रही है, जिसका मैं कुछ नहीं कर सकता।

इसके अलावा उन्होंने सीबीआई और ईडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीबीआई और ईडी चार्ज शीट विशेष रूप से बैंकों को चुकाने के इरादे से अपराधिक आरोप लगाते हैं। विजय माल्या ने आगे कहा कि वह साल 2016 से अपने सभी देनदारी को निपटाने के लिए जरूरी कोशिश कर रहे है। विजय माल्य के अनुसार कही पर भी सुनवाई नहीं होने के बाद उन्होंने अब इस बात का फैसला कर्नाटक हाईकोर्ट के विवेक पर छोड़ दिया है।

ज्ञात हो कि विजय माल्या ने कहा कि जब मैंने इस मामले की पूरी तरह से कोर्ट के फैसले पर छोड़ दिया है कि इसमें बदनीयती का सवाल ही नहीं ऊठता।  आपको बता दे कि विजय माल्या ने कल ही PM मोदी और वित्त मंत्री अरूण जेटली को लेकर एक चिट्ठी मीडिया के सामने रखी थी और आरोप लगाया था कि उन्होंने दो साल पहले ही बैंकों के कर्ज को लेकर पत्र लिखा था।

विजय माल्या ने पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरूण जेटली पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसी ने भी दो साल तक मेरी चिट्ठी का जवाब नहीं दिया। गौरतलब है कि विजय माल्या पर 9 भारतीय बैंकों के 9000 करोड़ रूपये लेकर भाग जाने का आरोप है।

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