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गौरतलब: दरोगा पर तो कर लिया गया मामला दर्ज पर अनाथ हुए परिवार के लिए भी है कुछ फर्ज

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लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी एक तरफ जहां प्रदेश पुलिस को सिविल मामलों में जनता से कायदे से पेश आने की दुहाई दे रहे थे वहीं उसके ही अगले दिन जनपद भदोही में गोपीगंज थाने के पुलिसवाले उनके निर्देश को धता बता रहे थे। और एक हंसते खेलते परिवार को अनाथ बना रहे थे। हालांकि इस मामले में फिलहाल उक्त थानेदार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पर अहम सवाल कि उस अनाथ परिवार का अब कैसे होगा गुजारा। लोगों का मानना है कि हर मामले में मुआवजा देने वाली सरकार ऐसे गंभीर मामले में भी अपने फर्ज को निभाये।

गौरतलब है कि गोपीगंज थाने के लॉकअप में आटो चालक रामजी मिश्र की मौत तथा उसके बाद व्यापक जनाक्रोश को देख जिले की पुलिस बैकफुट पर आ गई है। एसपी सचिंद्र पटेल के निर्देश पर गोपीगंज थाने की पुलिस ने रविवार की देर रात लाइन हाजिर प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा पर हत्या का केस दर्ज किया। मृतक की बेटी रेनू ने लिखित तहरीर देकर उन पर पिता को जान से मारने का आरोप मढ़ा था।

मिली जानकारी के मुताबिक गोपीगंज नगर के फूलबाग मोहल्ला निवासी रामजी मिश्र व अशोक मिश्र नामक दो भाईयों में मकान के बटवारे को लेकर शुक्रवार को विवाद हुआ था। उस दौरान पुलिस दोनों को थाने लाई थी। आरोप था कि तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा ने रामजी को थप्पड़ रसीद किया था और उसके बाद हवालात में बंद करा दिया।

बताया जाता है कि जिसके बाद आटो चालक की मौत हो गई थी। मामला तब और भी संगीन हो गया जब पोस्टमार्टम के बाद देर रात आनन-फानन में पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया, जिसके बाद बात बिगड़ी और पूरे कुनबे के साथ ही भारी तादात में भीड़ शनिवार को सड़कों पर उतर गई। दो घंटे गोपीगंज-ज्ञानपुर मार्ग तथा आधे घंटे तक जीटी रोड पर वाहनों की रफ्तार रुक गई थी।

जिस पर मामला बढ़ता देख जिले के पुलिस अधीक्षक सचिंद्र पटेल ने आरोपित थानेदार सुनील वर्मा के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए। रविवार की रात करीब 12 बजे गोपीगंज थाने में मृतक की बेटी रेनू की तहरीर पर आईपीसी की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया।

ज्ञात हो कि प्रकरण की विभागीय जांच अपर पुलिस अधीक्षक डा. संजय कुमार तथा मजिस्ट्रेट जांच अपर जिलाधिकारी रामजी वर्मा कर रहे हैं। वहीं क्योंकि मामला काफी दर्दनाक और खौफनाक था जिसके चलते मृतक के परिवारोजनों के प्रति लोगों में संवेदनाओं और आक्रोश की गूंज प्रदेश की राजधानी तक पहुंचने से कारवाई होना तो तय था।

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