नई दिल्ली। उत्तराखण्ड में तो जैसे खतरे के बाद ही मंडरा रहे हैं अभी कल ही एक बस के खाई में गिरने से दर्जनों लोगों की मौत हो गई वहीं आज बादल ही खतरे का सबब बन गयै। क्योंकि पिथौरागढ़ में आज बादल के फटने से डैम क्षतिग्रसत् हो गया जिससे हालांकि फिलहाल तो कोई भारी क्षति नही हुई है लेकिन इसके चलते नदियों का जलस्तर बढ़ने से खतरा बना हुआ है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में एक बार फिर से भारी बारिश ने तबाही मचाई है। पिथौरागढ़ के मुनस्यारी बंगापानी ओर धारचूला तहसील में बादल फटने से भारी बारिश हुई है। इसके कारण दानी बगड़ में बना हिमालया हाइड्रो का डैम टूट गया है। डैम टूटने से सेरा नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ गया है वहीं शहर में भी पानी घुस गया। हालांकि, इसमें अब तक किसी तरह की जनहानि की सूचना नहीं है।
हालांकि इसके बावजूद तेज बारिश के चलते यहां सड़क सहित तीन वाहनों के बहने की सूचना है वहीं मुनस्यारी बाजार में तबाही मची है। नया बस्ती में ग्राम प्रधान का मकान क्षतिग्रस्त हो गया वहीं हिमनगरी के मध्य बहने वाला नाला उफान पर आ गया। यहां आईटीबीपी को जाने वाला मार्ग और हैलीपैड जाने वाला मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है।
इसके साथ ही यहां के दर्जनों मकानों में मलबा और पानी घुसा है। नगर की सड़कों पर नाले का पानी बह रहा है। डरे हुए लोगों ने सारी रात जाग कर बिताई है। बंगापानी तहसील क्षेत्र में व्यापक तबाही मची है। आसमान लगातार बरस रहा है। गोरी नदी खतरे के निशान पर पहुंच चुकी है। वहीं मंदाकिनी सेरा ओर गोसी नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। गोसी नदी का पानी बरम बाजार और सड़क पर बह रहा है। लोग मकान छोड़ कर बाहर खड़े है।
ज्ञात हो कि उत्तराखण्ड में तीन दिनों से रुक रुक कर हो रही बारिश के बाद बीती रात्रि एक बजे से लगातार मूसलाधार वर्षा जारी है। जौलजीबी में भी गोरी ओर काली नदिया खतरे के निशान पर पहुंच गई है। नदी किनारे की बस्तियों में हड़कंप मचा है। उधर धारचूला के मांगती घटिया बगड़ में भी तबाही की सूचना है। डीएम सी रविशंकर ने तीनों तहसीलों में आज खुलने वाले विद्यालय बंद करने के आदेश दे दिए है। आपदा प्रबंधन टीम रवाना हो गई है। किसी तरह की जनहानि की सूचना नही है।
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