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तहसील और थाने सुधर जायें ऐसी मुख्यमंत्री की दरकार, साहेब! सख़्ती कीजिए ये है जनता के उद्गार

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लखनऊ। बेहद ही काबिले गौर है कि आ गया आज कितना अजीब दौर है। हद है कि तहसील और थाने सुधर जायें ऐसी सूबे के मुख्यमंत्री की दरकार है। साहेब! सख़्ती कीजिए आपकी ही सरकार है। ऐसे ही कुछ सूबे की जनता के उद्गार हैं।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तर प्रदेश राजस्व (प्रशासनिक) अधिकारी संघ के 2 दिवसीय अधिवेशन का उद्घाटन किया। और जैसा कि उन्होंने इस मौके पर कहा कि तहसील और थाना ठीक हो जाए तो आम जनता काफी राहत महसूस करेगी।

इस पर आम जनता और तमाम जानकार की मानें तो उसके अनुसार जैसा कि वो मुख्यमंत्री योगी को जानते और मानते रहे कि वो अपनी सांसदी के दौर में अफसरों से काम बखूबी काम करवाना जानते थे। मजाल थी कि उनके आदेश के अनुपालन में कोई कोताही हो जाये।

लेकिन अब इसे पद का भार कहा जाये या आंतरिक कलह का सार कहा जाये कि आज हालात ये हैं कि योगी सरकार में भी अफसरों पर मुलायम का रंग चढ़ा है। मामला बेहद संगीन और बढ़ा है।  इसके साथ ही एक बात साफ है कि अफसरशाही पूरी तरह से बेलगाम है। संभवतः इसका ही ये परिणाम है कि बार बार मुख़्यमंत्री योगी को ऐसी दरकार करना पड़ रही है।

हालांकि उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों से अपने व्यवहार से ऐसा तंत्र विकसित करना होगा जिससे जनता का उनपर विश्वास बढ़ जाए। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों का प्रदेश की आम जनता से सीधा संबन्ध हैं। आय, जाति, निवास आदि प्रमाण-पत्र, वरासत के मामले, भूमि विवाद आदि के निदान में तहसील के राजस्व अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इनके समयबद्ध, निष्पक्ष एवं तत्परता से निस्तारण से अनेक मामलों का समाधान हो जाता है।

उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों का चयन लोक सेवा आयोग के माध्यम से हजारों अभ्यर्थियों में से किया जाता है, जो इनकी बुद्धिमत्ता एवं प्रखरता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक क्षमता के लिए बुद्धिमानी के साथ व्यापक मानवीय दृष्टिकोण, संवेदनशीलता और दायित्व बोध भी आवश्यक है।

वहीं बावजूद इसके शासन को प्राप्त होने वाली अधिकांश शिकायतें तहसील एवं थाने से सम्बन्धित होती हैं। तहसील और थाना ठीक हो जाए तो आम जनता काफी राहत महसूस करेगी। तहसील स्तरीय प्रशासनिक मशीनरी की रीढ़ होने के कारण राजस्व अधिकारियों को तहसील से जुड़े मामलों का समाधान करना चाहिए।

हालांकि मुख्यमंत्री ने ये बात भी कही  कि भू-माफिया टास्क फोर्स ने अच्छा काम किया है। इसके माध्यम से बड़ी मात्रा में सरकारी भूमि को भू-माफिया के कब्जे से मुक्त कराया गया है। उन्होंने कहा कि इस अभियान को जारी रखने के साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि यदि किसी गरीब एवं भूमिहीन व्यक्ति ने किसी सरकारी भूमि पर आवास निर्माण कर लिया है तो उसे प्रताडि़त न किया जाए। यदि वह भूमि आरक्षित श्रेणी की नहीं है तो उसे नियमानुसार पट्टा भी दिया जाना चाहिए।

वहीं जानकारों और आम जनता में अब भी ऐसी ही धारणा है कि मुख़्यमंत्री योगी जल्द ही अपने वो ही पुराने अवतार में आऐंगे और जबर्दस्त सख़्ती दिखाऐंगे तो हालात खुद ब खुद बेहतर हो जायेंगे। हालांकि फिलहाल उन सभी का मानना है कि सबसे पहले मुख्यमंत्री को बेलगाम हो चुकी अफसरशाही पर पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के हिसाब से लगाम कसनी होगी।

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