नई दिल्ली। पिछले काफी समय से बिहार में जदयू और भाजपा के बीच जारी तमाम मतभेदों और अनुमानों का सिलसिला आखिरकार फिलहाल समाप्त हो गया है क्योंकि रविवार को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद यह साफ हो गया है कि भाजपा-जदयू का गठबंधन बरकरार रहेगा। और साथ ही ये भी तय हो गया कि 2019 के आगामी लोकसभा चुनाव पीएम मोदी और नीतीश कुमार मिलकर लड़ेंगे।
गौरतलब है कि जानकारी के मुताबिक इस दौरान जदयू ने नीतीश को अधिकृत किया और कहा कि पार्टी के फैसले नीतीश लेंगे। सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बनी है। उम्मीद जताई जा रही है कि 12 जुलाई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और नीतीश कुमार की मुलाकात के बाद सीटों के बंटवारे पर उलझ रहा पेच सुलझ जाएगा। बैठक में जदयू ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान पर नाराजगी भी प्रकट की।
ज्ञात हो कि गिरिराज सिंह ने शनिवार को बिहार दंगे के आरोपियों से मुलाकात के दौरान बिहार सरकार पर हिंदुओं को गलत मामले में फंसाने का आरोप लगाया था। राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक से पहले शनिवार को सीएम ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी जिसमें उन्होंने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि बिहार में जदयू-भाजपा का गठबंधन जारी रहेगा।
हालांकि अब सियासी जानकारों की नजरें लोजपा के अध्यक्ष रामविलास पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान पर भी टिकी हुई हैं। क्योंकि जहां एक तरफ पासवान ने बिहार एनडीए को एक जुट बताया था वहीं बेटे चिराग ने कहा था कि तेजस्वी के साथ काम भी कर सकते हैं, राजनीति में कुछ भी हो सकता है। इसी बीच राजद नेता रघुवंश प्रसाद ने बयान जारी करते हुए कहा था कि रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा बहुत जल्द महागठबंधन में शामिल होंगे।
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