नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले काफी समय से की जा रही एक मांग पर सोमवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए ताजमहल पर नमाज पढ़ने की मंजूरी देने से इन्कार कर दिया। इतना ही नही कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यह ऐतिहासिक ताजमहल दुनिया के 7 अजूबों में से एक है इसलिए इसका संरक्षण किया जाना चाहिए। इसलिए वहां पर कोई नमाज नहीं पढ़ी जा सकती।
मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश उस याचिका को खारिज करते हुए दिया है जिसमें मांग की गई थी कि ताजमहल में बाहरी लोगों को नमाज पढ़ने की मंजूरी दी जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि ताज दुनिया का 7वां अजूबा है और उसे सुरिक्षित किया जान चाहिए। नमाज पढ़ने के लिए और भी जगहें हैं।
ज्ञात हो कि इससे पहले भी ताजमहल पर नमाज पढ़ने को लेकर हंगामा हुआ था। पिछले साल संघ की हिस्ट्री विंग ने मांग उठाई थी कि ताजमहल पर नमाज पर रोक लगे या फिर हिंदुओं को वहां पूजा और शिव चालीसा का पाठ करने की अनुमति दी जाए।
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